भोपाल। मैहर विधानसभा सीट से भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी को सीएम कमलनाथ तोड़ तो लाए लेकिन कांग्रेस में रोप भी पाएंगे, यह आसान नहीं है। विधायक नारायण त्रिपाठी का फोटो खिंच चुका है, वो भाजपा छोड़ने का मौखिक ऐलान भी कर चुके हैं परंतु मैहर के कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने त्रिपाठी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने त्रिपाठी का अवसरवादी और दलबदलू नेता करार देते हुए उनके लिए कांग्रेस के दरवाजे बंद करने का ऐलान कर दिया है।
महैर अजय सिंह का क्षेत्र है, कमलनाथ फैसला नहीं कर सकते
बता दें कि यह पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह राहुल का क्षेत्र है। कांग्रेस में इस क्षेत्र के फैसले भी अजय सिंह राहुल ही करते हैं। भले ही वो खुद विधानसभा और लोकसभा चुनाव हार गए परंतु कांग्रेस में उनकी पकड़ कमजोर नहीं हुई है। टीम दिग्विजय सिंह के सबसे सीनियर नेता हैं और यदि विधानसभा जीत जाते तो मुख्यमंत्री पद के दावेदार भी होते। नारायण त्रिपाठी ने कांग्रेस में अजय सिंह के खिलाफ काम करके शिवराज सिंह से नजदीक बढ़ाई थी और भाजपा में चले गए थे। समीकरण कुछ ऐसे हैं कि नारायण त्रिपाठी और अजय सिंह राहुल के बीच एका तो कभी नहीं हो सकता।
निर्णय कमलनाथ का विशेषाधिकार है: प्रवक्ता
मैहर के कांग्रेस नेताओं ने त्रिपाठी को आदतन दलबदलू बताते हुए कहा कि वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव से मात्र दो दिन पहले उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी थी। वहीं, प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी ने कहा, ''कांग्रेस पार्टी के सदन में नेता के रूप में कोई भी निर्णय लेना मुख्यमंत्री कमलनाथ का विशेषाधिकार है। पार्टी की मजबूती के लिये जो उचित था, वह निर्णय उन्होंने लिया।
त्रिपाठी ने 8वीं बार पाला बदला है: श्रीकांत
समाचार एजेंसी भाषा के मुताबिक, नवंबर 2018 में विधानसभा चुनाव में नारायण त्रिपाठी के खिलाफ चुनाव लड़े कांग्रेस नेता श्रीकांत चतुर्वेदी ने मैहर में शुक्रवार को एक दर्जन कांग्रेस नेताओं के साथ प्रेस कान्फ्रेंस में कहा कि त्रिपाठी ने आठवीं बार पाला बदला है। उनकी कलई खुल गई है। उन्होने कहा, ''हम बड़े नेताओं का सम्मान करते है, लेकिन त्रिपाठी पर निर्णय लेने से पहले हमसे विचार किया जाना चाहिये था। चतुर्वेदी के साथ पत्रकार वार्ता में मौजूद धर्मेश घई और श्रीनावास उरमालिया ने भी उन्हें कांग्रेस में शामिल करने को लेकर सतर्कता बरतने को कहा।