भोपाल। स्कूल शिक्षा विभाग की ऑनलाइन ट्रांसफर पाॅलिसी में विसंगति होने के कारण शिक्षक परेशान हो रहे हैं। ट्रांसफर के लिए ऑनलाइन आवेदन करने जा रहे शिक्षकों को पोर्टल पर खाली स्कूल नहीं मिल रहे हैं। जबकि वहां पद रिक्त हैं और जहां शिक्षक पहले से ही पदस्थ हैं वहां पद खाली दिख रहे हैं। इसी विसंगति के चलते शिक्षक संकुल से लेकर डीईओ कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
सबसे बड़ी बात यह है कि इस पूरी प्रक्रिया में दावे-आपत्ति का कोई प्रावधान नहीं होने यह मजाक बनकर रह गई है। कई शिक्षकों की जन्मतिथि को ही पोर्टल पर प्रथम नियुक्ति दिनांक बना दिया है। इसके कारण वे सबसे सीनियर होकर आवेदकों की सूची में पहले स्थान पर आ गए हैं। शिक्षकों का आरोप है यह पॉलिसी बेहद जल्दी में जारी की गई है। इसके चलते इसमें कई विसंगति नजर आ रही है। विभाग को सबसे पहले अतिशेष शिक्षकों का युक्तियुक्तरण करना था। इसके बाद पाॅलिसी जारी करना थी। अब विद्यालयों में पद होने के बावजूद पोर्टल पर नहीं दिखेंगे तो शिक्षक आवेदन कैसे करेंगे। आरटीई के नियमों के मुताबिक 2013 के बाद उन्नत किए हाईस्कूल व हायर सेकंडरी स्कूलों में केवल वरिष्ठ अध्यापकों को ही पदस्थ किया जाएगा। यहां पदस्थ अध्यापकों को हटाकर माध्यमिक विद्यालयों में पदस्थ किया जाएगा।
अध्यापक असमंजस में... आवेदन करें या नहीं
शासकीय कन्या हाईस्कूल सतवास, हाईस्कूल धांसड़, हाईस्कूल टिपरास, हाईस्कूल खारिया में नियमानुसार सभी पद वरिष्ठ अध्यापकों के होना चाहिए, लेकिन पोर्टल पर इन स्कूलों में सभी पद अध्यापक वर्ग के दिख रहे हैं। ऐसी स्थिति में तबादले की चाह रखने वाले वरिष्ठ अध्यापक तो पद नहीं दिखने से परेशान हैं ही वहीं अध्यापक भी असमंजस में हैं कि इन स्कूलों में आवेदन करें कि नहीं। क्योंकि बाद भी फिर हमें अतिशेष बताकर हटा तो नहीं दिया जाएगा। इस संबंध कन्या हाईस्कूल सतवास के प्रभारी प्राचार्य बीके यादव का कहना है हमारे विद्यालय में सभी पद वरिष्ठ अध्यापक के हैं। मैने इसमें सुधार के लिए कई बार वरिष्ठ कार्यालय को पत्र भेजे हैं।
सुधार के लिए वरिष्ठ कार्यालय को दे दी है जानकारी
सतवास संकुल प्रभारी रेवाराम हरियाले ने बताया उनके पास स्पष्ट आदेश हैं कि सभी नए हाईस्कूलों में वरिष्ठ अध्यापकों के ही पद हैं। हो सकता है अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति के दौरान वरिष्ठ अध्यापकों के नहीं मिलने पर अध्यापकों के रखने के निर्देश वरिष्ठ कार्यालय ने दिए थे। तब से ही यह त्रुटि हो गई है। इसमें सुधार के लिए वरिष्ठ कार्यालय को जानकारी दे दी गई है, जो भी सुधार होना है वरिष्ठ कार्यालय से ही होगा।