भोपाल। मध्य प्रदेश की भाजपा में गुटबाजी कायम है। 2 विधायकों के टूट जाने के बाद भी एकजुटता नजर नहीं आई। कई नेताओं ने इस मौके का फायदा उठाने की कोशिशें शुरू कर दीं हैं। सारा ठीकरा गोपाल भार्गव से सिर फोड़कर उन्हे नेता प्रतिपक्ष पद से हटाने की मुहिम तेज कर दी गई है। कहा जाता रहा है कि शिवराज सिंह एवं उनके गुट के विधायक गोपाल भार्गव नेता प्रतिपक्ष के पद पर को कतई पसंद नहीं करते।
विधानसभा में भाजपा के 2 विधायकों के टूटने के बाद दिल्ली से देर रात भोपाल पहुंचे बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह तुरंत शिवराज सिंह के घर गए। करीब आधे घंटे तक दोनों के बीच पूरे घटनाक्रम पर बातचीत हुई। इसके बाद राकेश सिंह ने नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव को पार्टी कार्यालय बुलाया। इसी दौरान शिवराज सिंह और नरोत्तम मिश्रा भी पहुंचे। देर रात राकेश सिंह ने गोपाल भार्गव से बात की। सूत्रों के मुताबिक नरेंद्र मोदी और अमित शाह को लेकर भार्गव की बयानबाजी को संगठन ने गलत माना है। साथ ही भविष्य में एहतियात बरतने की सलाह भी दी है।
बताया जा रहा है कि गोपाल भार्गव के खिलाफ शिवराज सिंह गुट के कुछ विधायकों ने अमित शाह से शिकायत भी की है। किसी भी तरह से गोपाल भार्गव को एक बिफल नेता प्रतिपक्ष साबित करने की कोशिश की जा रही है। गोपाल भार्गव का अपना कोई गुट नहीं है अत: समर्थन में विधायकों की संख्या ना के बराबर है।