भोपाल। सीएम शिवराज सिंह चौहान के महत्वाकांक्षी कार्यक्रम नर्मदा प्लांटेशन में तत्कालीन सरकार ने दावा किया था कि नर्मदा किनारे 1 दिन में 7 लाख पौधे लगाए गए। कांग्रेस ने इसे घोटाला करार दिया था परंतु सरकार बनने के बाद सीएम कमलनाथ चुप हैं। विधानसभा में एक बार फिर यही मामला गूंजा। कांग्रेस विधायकों ने उठाया तो नेता प्रतिपक्ष ने कांग्रेस सरकार के सामने चैलेंज रख दिया कि दम है तो अगले विधानसभा सत्र से पहले नर्मदा प्लांटेशन घोटाले की जांच पूरी करके दिखाए।
कांग्रेस विधायकों ने मुद्दा उठाया था
कांग्रेस विधायकों ने ध्यानाकर्षण में आरोप लगाया था कि वर्ल्ड रिकाॅर्ड बनाने के उद्देश्य से शिवराज सरकार ने एक ही दिन में 7 करोड़ पौधे रोपने में कई अनियमितताएं कीं। कुणाल चौधरी ने कहा कि कई जगह तो गड्ढे खोदे ही नहीं गए और फर्जी भुगतान कर दिया गया। बसपा के संजीव सिंह ने दोषियों से रिकवरी करने और कांग्रेस के विनय सक्सेना ने संबंधितों के खिलाफ एफआईआर कराने की मांग की।
आप जहां तक चाहते हैं, जांच को वहां तक पहुंचाएंगे
प्रजापति ने भनोत को निर्देश दिए कि संबंधित विभागों के मंत्री जल्दी ही बैठक कर मामले की जांच के संबंध में फैसला लें। नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने चुनौती देते हुए कहा कि सरकार में यदि दम है तो वह इस पूरे मामले की जांच अगले सत्र तक कराए, नहीं तो इसमें सरकार की भी मिलीभगत मानी जाएगी। भनोत ने कहा कि उन्हें चुनौती स्वीकार है और आप जहां तक चाहते हैं, जांच को वहां तक पहुंचाएंगे।
4 मंत्रियों की समिति जांच करेगी
दो साल पहले एक दिन में रोपे गए सात करोड़ पौधों और उसमें हुए खर्च की जांच चार मंत्री मिलकर एक महीने में करेंगे। विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति के निर्देश पर बुधवार को योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी मंत्री तरुण भनोत ने घोषणा की कि वे तीन मंत्रियों के साथ मिलकर पौधरोपण के लिए किए गए सारे गड्ढे गिनकर एक महीने में जानकारी दे देंगे। 2 जुलाई 2017 को हुए इस पौधरोपण में 499 करोड़ रुपए खर्च हुए थे।