भोपाल। मप्र के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कांग्रेस की स्थाई नीतियों के खिलाफ जाकर एक सरकारी योजना का नाम संजय गांधी के नाम पर रख दिया। उन्होनें प्रदेश में होने वाले पौधारोपण कार्यक्रम को ‘संजय गांधी पर्यावरण मिशन’ नाम दिया है। बता दें कि संजय गांधी को एक तानाशाह नेता के रूप में जाना जाता है और कांग्रेस पार्टी उन्हे कभी सम्मान नहीं देती।
‘संजय गांधी पर्यावरण मिशन’ के बारे में
इस मिशन के तहत हर साल पांच करोड़ पौधे लगाए जाएंगे, जिसमें प्रत्येक विभाग सहयोग देंगे। राज्य सरकार मिशन के नाम पर अलग से कोई बजट नहीं रखेगी, लेकिन विभाग अपने बजट से ग्रीन प्लांटेशन के नाम पर कुछ राशि का प्रावधान करेंगे, जिससे मिशन का काम होता रहे। कुल मिलाकर सभी विभागों द्वारा किए जाने वाले प्लांटेशन के आंकड़ों को एकजुट करके ‘संजय गांधी पर्यावरण मिशन’ की सफलता के रूप में दर्ज कर लिया जाएगा।
संजय गांधी ने क्या किया था
बताया जाता है कि आपातकाल के दौरान जितने भी तानाशाही फैसले हुए जिनके कारण इंदिरा गांधी को हिटलर कहा गया, उनमें से ज्यादा संजय गांधी ने लिए थे। कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने तय किया था कि पार्टी कभी संजय गांधी को याद नहीं करेगी। यही कारण रहा कि कांग्रेस के लम्बे शासनकाल में संजय गांधी के नाम पर कभी कोई बड़ी योजना शुरू नहीं की गई। जबकि राजीव गांधी के नाम पर देश भर में काफी कुछ दिखाई देता है।
क्या दोस्तों के नाम पर सरकारी योजनाएं चलाना सही है
प्रश्न उपस्थित होता है कि क्या किसी ऐसे व्यक्ति के नाम पर सरकारी योजनाएं चलाई जा सकतीं हैं जो मुख्यमंत्री का दोस्त मात्र हो। जहां तक संजय गांधी का प्रश्न है, उनके प्रशंसकों की संख्या उनकी मानसिकता के नेताओं के फालोअर्स से भी कम हैं। इंदौर के विधायक आकाश विजयवर्गीय या मुंबई के नितेश राणे ये सभी संजय गांधी की परंपरा के नेता ही तो हैं। जो खुद को कानून से ऊपर मानते हैं और हिंसक कार्रवाई को अपराध नहीं न्याय की संज्ञा देते हैं।