नई दिल्ली। मध्यप्रदेश के इंदौर में सरकारी अधिकारी पर क्रिकेट के बल्ले से हमला करने और फिर इस हमले को न्यायोचित ठहराते हुए ऐसा ही बार बार करने का ऐलान करने वाले विधायक आकाश विजयवर्गीय मामले में चुप्पी साधे बैठी भाजपा ने बंद कमरे में तमंचा लहराने वाले कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन को पार्टी से निष्कासित कर दिया है। इस कार्रवाई के साथ ही भाजपा पर सवाल उठने लगे हैंं, आकाश विजयवर्गीय पर क्या केवल इसलिए कार्रवाई नहीं की गई क्योंकि वो भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के लाड़ले पुत्र हैं। क्या यह वंशवाद है।
ऐसी खबरें हैं कि कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन भाजपा से निष्कासित होने के बाद अब बसपा का दामन थाम सकते हैं। हालांकि अभी इस खबर की पुष्टि नहीं हुई है। बता दें कि खानपुर विधानसभा से 4 बार विधायक बने कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन भाजपा में आने से पहले कांग्रेस में थे। साल 2016 में चैंपियन भाजपा में शामिल हो गए थे। अब जब भाजपा ने चैंपियन को निष्कासित कर दिया है, ऐसे में माना जा रहा है कि चैंपियन कांग्रेस में शायद ही वापसी करें। यही वजह है कि चैंपियन के बसपा में जाने के कयास लगाए जा रहे हैं। राज्य के बसपा नेता भी कह चुके हैं कि यदि चैंपियन पार्टी में आना चाहते हैं तो पार्टी में उनका स्वागत है।
वहीं दूसरी तरफ इस बात की भी चर्चा है कि कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन का वीडियो वायरल होने पर भाजपा ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया, लेकिन सरकारी अधिकारी को बैट से पीटने के मामले में आकाश विजयवर्गीय पर पार्टी ने कोई कार्रवाई नहीं की। इस मामले में भाजपा की काफी किरकिरी हुई थी और खुद पीएम मोदी ने एक कार्यक्रम में आकाश विजयवर्गीय को लेकर सख्त रुख दिखाया था लेकिन अभी तक आकाश विजयवर्गीय के मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई है। यहां तक कि पार्टी ने उन्हे नोटिस तक नहीं दिया है।