चंडीगढ़। राहुल गांधी के इस्तीफे पर अड़े रहने के बाद जिन बुजुर्ग नेताओं को कांग्रेस की कमान सौंपने पर विचार चल रहा था, उसमें अब नया मोड़ आ गया है। कांग्रेस में अब पार्टी की कमान किसी युवा नेता को सौंपने की बात चल रही है। कांग्रेस में ऐसे दो-तीन युवा नेता ही हैं। पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने शनिवार को कहा कि कांग्रेस की जिम्मेदारी किसी युवा नेता को मिले।
सिंह ने कहा कि कांग्रेस का जिम्मा ऐसे नेता को मिले, जो जमीनी स्तर पर पकड़ रखता हो।अमरिंदर सिंह का बयान ऐसे वक्त आया, जब माना जा रहा है कि राहुल गांधी के बाद महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री सुशील कुमार शिंदे (77) को अध्यक्ष पद मिल सकता है। इसके अलावा वरिष्ठ नेता मोतीलाल वोरा और मल्लिकार्जुन खड़गे के नाम की भी अध्यक्ष पद के लिए चर्चा है।
'राहुल का इस्तीफा पार्टी के लिए झटका'
अमरिंदर सिंह ने ट्वीट किया, राहुल गांधी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद छोड़ने के दुर्भाग्यपूर्ण निर्णय के बाद अब किसी गतिशील युवा नेता को कांग्रेस की कमान संभालनी चाहिए। कांग्रेस वर्किंग कमेटी से आग्रह है कि युवा भारत को एक युवा नेता की जरुरत है, जो युवाओं को प्रेरित करे और पूरे भारत की पसंद हो और जिसकी जमीनी स्तर पर भी अच्छी पकड़ हो।''
अमरिंदर ने कहा कि राहुल गांधी का इस्तीफे पर अडिग रहने का फैसला पार्टी के लिए एक निराशा और झटका है। इसकी भरपाई दूसरे युवा नेता के गतिशील नेतृत्व में हो सकती है। केवल एक गतिशील युवा नेता ही पुरानी कांग्रेस पार्टी को फिर से जीवित कर सकता है।
राहुल 25 मई को इस्तीफे की पेशकश की थी
वायनाड से सांसद राहुल गांधी 2017 में कांग्रेस अध्यक्ष बने थे। लोकसभा चुनाव में मिली हार की जिम्मेदारी लेते हुए 25 मई को कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में राहुल गांधी ने अध्यक्ष पद से इस्तीफे की पेशकश की थी। हालांकि, पार्टी ने इसे स्वीकार नहीं किया था। पार्टी के वरिष्ठ नेता राहुल के इस्तीफे के खिलाफ थे। उन्होंने सोनिया गांधी से राहुल को मनाने के लिए भी कहा था। लेकिन इसके बाद भी राहुल लगातार इस पर अड़े रहे।
राहुल ने 3 जुलाई को 4 पेज का लेटर ट्वीट किया था। इसमें उन्होंने कहा था कि ''पार्टी अध्यक्ष होने के नाते लोकसभा चुनाव में हार की जिम्मेदारी मेरी है। कांग्रेस का अध्यक्ष पद संभालना सम्मान की बात रही, लेकिन पार्टी के भविष्य के लिए जवाबदेही तय होनी चाहिए। यही वजह है कि मैंने अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया। पार्टी को कड़े फैसले लेने और बाकी नेताओं की जवाबदेही भी तय करने की जरूरत है।''