भोपाल। मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग की परीक्षाएं आने वालीं हैं। तमाम कोचिंग सेंटर्स के विज्ञापन भी आने लगे हैं। लोग सफलता दिलाने का दावा करते हैं। अपने पुराने रिकॉर्ड बताते हैं परंतु एमपी पीएससी में सफलता का सिर्फ एक ही सूत्र है और वो है उम्मीदवार के अंदर मौजूद जिद, जुनून और लगन। आप बिना कोचिंग के भी पीएससी पास कर सकते हैं। राकेश खजूरिया इसका उदाहरण हैं। उन्होंने 1996 में पीएससी पास किया था। आज राजगढ़ जिले में तहसीलदार हैं।
राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी राकेश खजूरिया ने बताया कि स्कूल में मैं जिस कक्षा को पास करने पर उसी कक्षा के विद्यार्थियों को पढ़ाया करता था। उसने मेरे चयन में सर्वाधिक सहयोग किया। मैं 10वीं में पहुंचा तो 9वीं के बच्चों को कोचिंग पढ़ाता था। 11वीं में गया तो 10वीं व कॉलेज में गया तो 11वीं एवं 12वीं के बच्चों को पढ़ाया। इस प्रेक्टिस से पीएससी के लिए जो बेस था वो पक्का हो गया और पीएससी की परीक्षा में काम आया।
उन्होंने कहा कि कोचिंग से ज्यादा जरूरी है ग्रुप डिस्कशन। समूह हम दोस्तों व कुछ सीनियरों से समूह चर्चा करते थे। सीनियर जो बताते थे वह आज तक हमें याद रहा। उन्होंने बताया कि जब वह तैयारी करने के बाद इस सेवा में आए तो उन्होंने अपनी छोटी बहन को भी तैयारी करने के लिए प्रेरित किया। उसने मेहनत की, परिणाम है कि वह आज सिविल जज के रूप में पदस्थ है।
पीएससी में सफलता के टिप्स
-सबसे पहले पढाने का प्रयास करें, क्योंकि जब पढ़ाने के लिए पढ़ेंगे तो वह हमेशा याद रहेगा।
-जो तैयारी कर रहे हैं वह सीनियर या कोई अधिकारी जो इस सेवा में उनका मार्गदर्शन जरूर लें, आधी दिक्कत खत्म हो जाती है।
-दोस्तों या सीनियरों के साथ समूह चर्चा पर अधिक बल दें।