जबलपुर। रेलवे के कमर्शियल विभाग और आरपीएफ के लिए सिर दर्द बन चुके अवैध वेंडर की समस्या का समाधान करने के लिए रास्ता निकला लिया गया है। रेलवे ने स्टेशन से लेकर ट्रेन तक खाद्य सामग्री बेचने वाले अवैध वेंडर को वैध करने का काम शुरू कर दिया है। इसके लिए जबलपुर समेत देशभर के रेलवे स्टेशन के फूड स्टॉल पर निर्धारित वेंडरों की संख्या को रेलवे ने दोगुना कर दिया है।
रेलवे के कमर्शियल विभाग द्वारा इनका पुलिस वेरिफिकेशन और मेडिकल कराया जा रहा है। जबलपुर रेलवे स्टेशन पर अवैध वेंडरों को वैध कर दिया गया है। प्लेटफार्म 1 से 6 तक बने सभी स्टॉलों में वेंडर की संख्या 6-8 से बढ़ाकर 12-16 की दी गई है। जबलपुर मंडल में अभी तक 213 वैध वेंडर थे, लेकिन अब इनकी संख्या 465 हो गई है। रेलवे ने जबलपुर समेत देशभर के स्टेशनों में वैध और अवैध वेंडरों की समीक्षा कराई। साथ ही आरपीएफ द्वारा अवैध वेंडरों की बढ़ती संख्या का भी कारण पता किया, जिसमें यह बात सामने आई कि फूड स्टॉल और ट्रेन के पेंट्रीकार में वेंडरों की संख्या, यात्रियों की बढ़ती संख्या के मुताबिक नहीं है, जिस वजह से अवैध वेंडरों की मदद ली जा रही है। इधर अवैध वेंडर की जानकारी न होने के कारण यात्रियों तक क्वालिटी फूड नहीं पहुंच रहा है। इन सभी कारणों की समीक्षा करने के बाद अवैध वेंडरों को वैध करने का काम शुरू कर दिया है।
यह किया
प्लेटफार्म पर फूड स्टॉलों का सर्वे कर वहां तैनात वेंडरों की जरूरत का पता लगाया। इसके बाद स्टेशन पर आने वाले यात्रियों की संख्या और खाने की मांग देखी गई। स्टॉलों पर पहले से तैनात वेंडरों के काम करने का तरीका और खाने की क्वालिटी देखी। इसके बाद सभी स्टॉलों पर निर्धारित वेंडर संख्या को दोगुना कर दिया गया। पहले से काम कर रहे अवैध वेंडर का डाटा तैयार कर इन्हें वैध किया गया। स्टेशन के स्टॉलों पर निर्धारित वेंडर की संख्या को दोगुना कर दिया गया है, ताकि यात्रियों को क्वालिटी फूड पहुंचे। इसके लिए सभी वेंडर का पुलिस वैरीफिकेशन और मेडिकल कराकर कार्ड जारी किए जा रहे हैं।
मनोज गुप्ता, सीनियर डीसीएम (कोचिंग), जबलपुर रेल मंडल
स्टेशन और वेंडर
जबलपुर स्टेशन-पहले 56, अब 116
कटनी स्टेशन- पहले 30, अब 76
सतना स्टेशन- पहले 40, अब 112
रीवा स्टेशन- पहले 5, अब 13
सागर स्टेशन- पहले 8, अब 24