जबलपुर। हाईकोर्ट में रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर द्वारा की जा रही नए अतिथि विद्वानों की नियुक्ति को चुनौती दी गई है। एक्टिंग चीफ जस्टिस आरएस झा और जस्टिस विजय शुक्ला की युगल पीठ ने राज्य शासन, रादुविवि और यूजीसी को नोटिस जारी कर दो सप्ताह में जवाब देने का निर्देश दिया है।
विश्वविद्यालयीन अतिथि व्याख्याता संघ के अध्यक्ष डॉ. देवेन्द्र जाटव और सचिव रीझन झारिया की ओर से दायर याचिका में कहा गया कि वे रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में लंबे समय से अतिथि विद्वान के पद पर काम कर रहे है। उन्हें अभी तक यूजीसी पे-स्केल नहीं दिया गया है। कम वेतन देकर अतिथि विद्वानों से शैक्षणिक कार्य कराया जा रहा है। नैक ग्रेड हासिल करने के लिए रादुविवि ने अतिथि विद्वानों का उपयोग किया। हाल ही में रादुविवि ने नए अतिथि विद्वानों की नियुक्ति के लिए विज्ञापन जारी कर दिया है।
अधिवक्ता समदर्शी तिवारी और प्रणय चौबे ने तर्क दिया कि हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि नियमित नियुक्ति होने पर ही अतिथि विद्वानों को अलग किया जाएगा। अतिथि विद्वानों को अतिथि विद्वानों से नहीं बदला जाएगा। प्रांरभिक तर्क सुनने के बाद युगल पीठ ने राज्य शासन, रादुविवि और यूजीसी को नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया है।