भोपाल। हर गरीब परिवार को 5 लाख रुपए तक मुफ्त इलाज देने की केंद्र सरकार की आयुष्मान योजना को असफल बताते हुए प्रदेश सरकार राईट टू हेल्थ (स्वास्थ्य का अधिकार) लेकर आ रही है। इसे महाआयुष्मान नाम दिया जा रहा है। इसका फायदा यह होगा कि गरीबों की तरह उच्च और मध्यम वर्गीय परिवारों का भी अनिवार्य बीमा कराया जाएगा। अभी आयुष्मान के तहत 1 करोड़ 40 लाख परिवार मुफ्त इलाज के दायरे में आते हैं, लेकिन अपग्रेड महाआयुष्मान योजना से 1 करोड़ 88 लाख परिवार बीमा का फायदा पाएंगे।
योजना की लांचिंग 15 अगस्त को होगी। अमीर और मिडिल क्लॉस के 48 लाख परिवार स्वास्थ्य बीमे के बाद सरकारी-निजी अस्पताल में मुफ्त इलाज करा सकेंगे। इसका एक और फायदा होगा कि स्वास्थ्य बीमे के साथ प्रत्येक परिवार का ढाई लाख रुपए का व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा भी कवर होगा। इसके लिए सरकार ने मध्यप्रदेश के अलावा छत्तीसगढ़, तमिलनाडु, झारखंड और महाराष्ट्र में संचािलत आयुष्मान योजना की रिपोर्ट तैयार की है। प्रदेश में लागू योजना को असफल माना गया है, जबकि महाराष्ट्र का मॉडल सबसे बेहतर पाया है।
यह है नई स्कीम का फॉर्मूला
आयुष्मान योजना में 1470 करोड़ रुपया खर्च होता है। इसमें केंद्र सरकार 528 करोड़ रुपए दे रही है। वह केवल एसईसीसी परिवारों का 36 फीसदी बजट देती है। राज्य शासन को 64 फीसदी वहन करने पर 942 करोड़ रुपए खर्च करना पड़ते है। अभी 1 लाख के बीमे पर 900 से 1 हजार रुपए प्रति परिवार प्रीमियम आता है। नई योजना में 1470 करोड़ की जगह 1570 करोड़ खर्च होंगे लेकिन मिडिल और अपर क्लॉस भी शामिल होगा। इसके लिए सरकार उनसे प्रीमियम के नाम पर नाम मात्र का प्रीमियम लेगी। प्रीमियम की दरें तय होना बाकी है।