हिंदू धर्म में सावन के महीने का एक खास महत्व है। सावन शुरू होते ही त्योहारों की शुरुआत हो जाती है। इस साल सावन का महीना 17 जुलाई से शुरू हो चुका है जो 15 अगस्त तक रहेगा। इस महीने पड़ने वाली शिवरात्रि को सावन शिवरात्रि कहा जाता है। सावन की शिवरात्रि 30 जुलाई को मनाई जाएगी। खास बात यह है कि इस दिन मंगलवार है।
सावन मास के कृष्ण पक्ष में मंगलवार के दिन पड़ने वाली शिवरात्रि का विशेष महत्व होता है। वह भगवान शिव के लिए सिरोधार्य शिवरात्रि होती है। बता दें, इस बार सावन की शिवरात्रि पर अद्धभुत संयोग बन रहा है, सावन में मंगलवार के दिन मंगला गौरी की पूजा होती है और यह दिन रुद्रावतार हनुमान जी की पूजा के लिए भी समर्पित माना गया है। आइए जानते हैं शिवरात्रि पूजा के लिए क्या है शुभ मुहूर्त।
शिवरात्रि पूजा का मुहूर्त एवं अभिषेक की विधि
सुबह 06:45 बजे से शाम को 07:38 बजे तक। इस बार का मुहूर्त ऐसा है कि आप सुबह और शाम दोनों समय पूजा कर सकते हैं। शिवरात्रि में शिव पूजा करने से पहले शिवलिंग को स्नान करवाकर उसका अभिषेक करना जरूरी होता है। इसके लिए आपको एक पात्र में केसर, दूध, दही,घी, इत्र, शहद, चंदन, भांग और चीनी को मिलाकर शिवलिंग का अभिषेक करना चाहिए।
भोग सामग्री-
पूजा में बेल पत्र चढ़ाने के बाद गुड़ से बना पुआ, हलवा और कच्चे चने का भोग लगाएं, बाकी प्रसाद स्वरूप लोगों में बांट दें।
शिव पूजा के दौरान न करें ये गलतियां-
-सावन शिवरात्रि में लोग अक्सर काले रंग के कपड़े पहन कर शिवलिंग पर जल चढ़ाते हैं। ऐसा करने से शिव जी नाराज हो जाते हैं।
- शिवलिंग पर कभी भी तुलसी, हल्दी या कुमकुम न चढ़ाएं। पूजा के लिए शिव की प्रिय चीज जैसे, धतूरा, आक, बेलपत्र और भांग आदि को प्रयोग करें।
-शिवलिंग पर चढ़ा चल जिस ओर से बाहर निकल रहा हो, उसे कभी भी गलती से लांघना नहीं चाहिए।