मध्याह्न भोजन में छुआछूत: राजपूतों का भोजन अलग पकता है | TIKAMGARH CASTEISM IN MID-DAY-MEAL

Bhopal Samachar
टीकमगढ़। ग्राम पंचायत मस्तापुर के प्राथमिक एवं माध्यमिक स्कूल में मध्याह्न भोजन में छुआछूत का मामला सामने आया है। यहां नियम है कि छात्र मध्याह्न भोजन के लिए बर्तन अपने घर से लाएं। आरक्षित जातियों के छात्र अपने साथ बर्तन नहीं लाते तो उन्हे हाथ में ही मध्याह्न भोजन पकड़ा दिया जाता है। इसके अलावा राजपूत छात्रों के लिए मध्याह्न भोजन अलग से पकाया जाता है। 

छात्र सुरेंद्र कुम्हार और निशा राय ने बताया कि हमें रोज हाथों में मध्याह्न भोजन दिया जाता है। वहीं, अभिभावक मीना अहिरवार और अंजू अहिरवार का कहना है कि हमारे बच्चों के साथ भेदभाव किया जा रहा है। स्कूल में भोजन देने वाले स्व-सहायता समूह की अध्यक्ष ओमी वंशकार ने बताया कि पहले हम खुद भोजन तैयार करते थे, लेकिन हमें मजबूरी में राजपूत जाति की महिलाओं को रसोइया नियुक्त करना पड़ा।

यदि कोई थाली नहीं लाता तो हाथ में दे देते हैं

अशोक कुमार लोधी, प्रधानाध्यापक का कहना है कि छुआछूत नहीं की जाती। अभी स्कूल में पानी की कमी के चलते थालियां नहीं निकालते। इसलिए बच्चे अपने घरों से लाए बर्तन में खाना लेते हैं। जबकि जेएस बरकड़े, जिला शिक्षा अधिकारी, टीकमगढ़ का कहना है कि स्कूल में बच्चों के साथ भेदभाव किया जाना गलत है। जतारा बीआरसीसी को भेजकर मामला की जांच कराएंगे।

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