विदिशा। शहर की पॉश कॉलोनियों में शुमार अरिहंत विहार में रविवार सुबह लगभग नौ बजे आंगन में बने छह फीट गहरे पानी के टैंक में डूबने से करीब चार साल के बालक की मौत हो गई। मासूम के गिरने से बेखबर पिता टैंक का ढक्कन लगाकर उसे आसपास शहर व घरों में ढूंढते रहे। करीब 40 मिनट बाद संदेह होने पर टैंक में उतरकर देखा तो बालक का शव मिला।
बस एक छोटी सी गलती हो गई थी
अरिहंत विहार फेस-1 के निवासी व एसएटीआई पॉलीटेक्निक कॉलेज में पदस्थ प्रो. महेंद्र मोर के मुताबिक सुबह उन्होंने बेटे अनंत को नहलाकर तैयार किया था। फिर वे खुद नहाने के लिए आंगन में बने टैंक से एक बाल्टी पानी निकालकर बाथरूम में रखने चले गए। तब अनंत वहीं खेल रहा था। पानी रखकर लौटे तो उन्होंने टैंक का ढक्कन लगा दिया, देखा तो अनंत गायब था। सोचा बाहर निकल गया होगा, इसलिए पास पड़ौस में उसकी तलाश शुरू कर दी।
पड़ौसी से सलाह दी, लेकिन गंभीरता से नहीं लिया
मोहल्ले में पूछताछ की तो पड़ोसी भी ढूंढने लगे। तभी किसी ने टैंक में देखने की सलाह दी। टैंक का ढक्कन खोलकर देखा, तो अंधेरे के कारण कुछ नहीं दिखा। दोबारा मोहल्ले में खोजने लगे। करीब 40 मिनट बाद फिर से टैंक खोलकर उसमें उतरे तो अनंत अचेतावस्था में पैरों से टकराया। उसे जिला अस्पताल ले गए। जहां डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया।
जलसंकट के कारण इसी साल टैंक बनावाया था
अनंत के दादा व जिला अस्पताल के रिटायर्ड कर्मचारी रामानंद मोर ने बताया कि इस साल कॉलोनी में पानी की किल्लत के कारण उन्होंने आंगन में यह टैंक बनवा लिया था। उन्हें क्या पता था कि एक दिन यही टैंक उनका पोता छीन लेगा। मामले में कोतवाली पुलिस ने मर्ग कायम किया है।
1 जुलाई से स्कूल जाने वाला था, 11 जुलाई को जन्मदिन आ रहा था
पिता ने बताया कि 11 जुलाई को अनंत का चौथा जन्मदिन मनाया जाना था। वे इसी उपलक्ष्य में शनिवार को परिवार सहित उज्जैन गए थे और भगवान महाकाल के दर्शन कर रात करीब 1 बजे घर लौटे थे। रविवार सुबह घर में हंसी-खुशी का माहौल था। उन्होंने खुद अनंत को नहलाकर तैयार किया था। इसी साल एक निजी स्कूल में उसका दाखिला कराया था। सब खुश थे कि वह 1 जुलाई से स्कूल जाएगा, लेकिन यह हादसा हो गया।