भोपाल। शहर के बड़े तालाब में चार महीने पहले केज लगाकर तैरता मछलीपालन केंद्र (Fisheries center) बनाया गया था। फिशरीज डिपार्टमेंट (Fisheries Department) ने करीब 1 करोड़ 40 लाख रुपए खर्च कर इसे तैयार करवाया था, लेकिन ठीक ठंग से प्लानिंग नहीं होने की वजह से तालाब में लगाए गए केज हवा और तालाब के पानी की लहरों के झटकों से बह गए।
चार महीने पहले फिशरीज डिपार्टमेंट ने मछलीपालन के लिए तालाब में केज लगाने के लिए टेंडर बुलाए थे। इसमें बजरंग साॅल्यूशन नामक कंपनी को केज बनाने का कॉन्ट्रेक्ट दिया गया था। करीब एक करोड़ 40 लाख रुपए की लागत से यहां 76 केज लगाए गए थे। यहां पर एक डेक बनाया गया था, जो पानी के बहाव के चलते तालाब के दूसरे छोर पर पहुंच गया है। फिशरीज डिपार्टमेंट के संचालक ओपी सक्सेना ने बताया कि केज लगाने वाली कंपनी द्वारा किए गए काम का ऑडिट कराया जाएगा।
साथ ही यह भी देखा जाएगा कि किसकी लापरवाही से यह हादसा हुआ है। हर पहलू की जांच कराई जाएगी। साथ डेक को जो नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई भी कंपनी से होगी। उन्होंने बताया कि यहां पर करीब 3 लाख 60 हजार से ज्यादा पंगेशियस (मछली बीज) डाले गए थे। इसकी भी जांच कराई जाएगी।
अंदाजा ही नहीं था कि इतनी तेज लहरें उठेंगी : बजरंग साॅल्यूशन कंपनी (Bajrang Solution Company) के संचालक दिलीप के पाटिल ने बताया कि शुरुआत में यह अंदाजा नहीं था कि हवा और पानी का बहाव तेज हो जाएगा। जिस दिन हादसा हुआ, उस दिन पानी में लहरें चार से पांच फीट ऊपर उठ रही थीं। मौके पर मौजूद व्यक्ति यदि केज की रस्सी को ढीला कर देता तो यह केज नहीं बहते।