ग्वालियर। आरक्षण नीति के विरोध में सोशल मीडिया पर बंद का आह्वान शुक्रवार 9 अगस्त को किया गया जिसके चलते तडक़े से ही पुलिस ने शहर भर को छावनी बना दिया। चौराहों से लेकर गली-मोहल्लों में पुलिस अफसर व जवान पेट्रोलिंग करते हुए शांति व्यवस्था बनाए रखने की अपील कर रहे थे। तो व्यापारी भी अपनी दुकानों का शटर खोलने से कतरा रहे थे। लेकिन 11 बजे तक जब बंद कराने वाले सडक़ों पर नजर नहीं आए तो पुलिस ने राहत की सांस ली और दुकानों के शटर भी खुलना शुरू हो गए।
आरक्षण नीति के विरोध में 9 अगस्त को भारत बंद का आह्वान किया गया था यह आह्वान किस पार्टी या सामाजिक संस्था ने किया था इसे लेकर कोई भी सामने नहीं आया था लेकिन सोशल मीडिया पर लगातार बंद को लेकर चर्चा थी जिसके चलते व्यापारी सहमे हुए थे और वह शुक्रवार को अपना कारोबार करने नहीं पहुंचे। बंद के आह्वान के बाद पुलिस सुबह से ही सतर्क बनी हुई थी। और कलेक्टर अनुराग चौधरी व पुलिस कप्तान नवनीत भसीन शहर भर में घूमकर खैर खबर ले रहे थे।
राजा चौहान को लिया हिरासत में
आरक्षण को लेकर बंद के आह्वान पर अलर्ट पुलिस ने राजा चौहान व उसके साथियों को एतिहाद के चलते पकड़ा है। पुलिस अफसरों ने सुबह से ही उसके घर के पास पुलिस बल तैनात किया था। और जैसी वह बाहर आया उसे अपनी निगरानी में ले लिया।
3 हजार जवानों ने संभाली सुरक्षा व्यवस्था
बंद के दौरान भले ही समर्थक सामने नहीं आए हो, लेकिन कोई अप्रिय घटना ना हो जाए इसे देखते हुए 3 हजार पुलिस अफसर व जवान मोर्चा संभाले हुए थे। इसके अलावा प्रशासनिक अधिकारी भी तैनात थे। शहर के सभी अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, सीएसपी, डीएसपी एसडीओपी, पेट्रोलिंग कर रहे थे। तो वहीं एडीएम, एसडीएम भी निगरानी रखे हुए थे। 25 पॉइंट बनाए गए थे जहां शस्त्रधारी जवान तैनात किए गए थे। जो लाठी डंडे के साथ मोर्चा संभाले हुए थे। हर थाने से तीन मोबाइल बैंक पेट्रोलिंग पर निकली थी। इस तरह 50 मोबाइल वाहनों को सुरक्षा की जिम्मेदारी दी गई थी। पुलिस लाइन, एसएएफ, तिघरा पीटीएस से पुलिस के जवान सुरक्षा व्यवस्था के लिए लगाए गए थे।