इंदौर। भू-माफिया शेख मुख्तियार खान की कहानी किसी फिल्म से कम नहीं है। 2003 में वो बडनगर में एक रेप के मामले में फरार होकर इंदौर आया था। गुजर बसर के लिए मकानों की पुताई करता था लेकिन मात्र 16 साल में वो इंदौर का कुख्यात भू-माफिया बन गया। विजय नगर पुलिस थाना उसके इशारों पर काम करता था। उसके खिलाफ शिकायत दर्ज नहीं होती थी। शिकायतकर्ताओं को पुलिस अधिकारी धमकाते थे। वो खुद पुलिस थाने में बैठा रहता था। कांग्रेस और भाजपा नेताओं से अपने संबंध का रौबा दिखाता था। सैंकड़ों लोगों की जमीनों पर कब्जा कर लिया था। पढ़िए भू-माफिया मुख्तियार की पूरी कहानी, जो पत्रकार सुमित ठक्कर ने पड़ताल करके निकाली है।
विजय नगर थाने में बैठता था, पुलिस वालों को गिफ्ट बांटता था
पुलिस के पास जिले में संगठित अपराध वाले 12 गिरोह से जुड़े डेढ़ लाख लोगों का डिजिटल रिकॉर्ड है। मुख्तियार के खिलाफ 26 केस दर्ज हैं। मुख्तियार ने पुलिस से सांठ-गांठ कर अवैध साम्राज्य खड़ा कर दिया। उसने 39 प्लॉट पर कब्जा कर दुकानें-मकान बनाए। वह न सिर्फ विजय नगर थाने में बैठता था, बल्कि कुछ तत्कालीन टीआई के साथ उनकी गाड़ियों में घूमता था। एक टीअज्ञई को टिफिन तक पहुंचाता था। कई जवानों को पार्टी और सुविधाएं देता था। कुछ जवानों के कहने पर पिछले साल दीपावली पर विजय नगर थाने पर कलर करवा दिया था।
खुद को गृहमंत्री बाबूलाल गौर का खास बताता था
मुख्तियार बड़नगर से बलात्कार के एक मामले में 2003 में भागकर इंदौर आ गया था। यहां कुछ साल पुताई का काम करने के दौरान उसकी मुलाकात कमलेश चौहान नामक व्यक्ति से हुई। 2011-12 में कमलेश के जरिए मुख्तियार पंढरीनाथ क्षेत्र के बदमाश नज्जू चौधरी के बेटे पंकू के संपर्क में आया। खजराना के बदमाश बब्बू के भाई फारुख शेख से दोस्ती हुई। फिर इन्होंने राधिका कुंज काॅलोनी काटने वाले कॉलोनाइजर के एक मुनीम को झांसे में लेकर उससे पुराने प्लाॅटधारकों की रजिस्ट्रियां निकलवाईं और बैक डेट में फर्जी रजिस्ट्री तैयार कर लोगों के प्लॉटों पर कब्जा करना शुरू किया। 2003 में ही मुख्तियार ने खुद को कांग्रेस सरकार के गृह मंत्री का करीबी बताकर पुलिस अधिकारियों पर रौब जमाया। मुख्तियार ने कई लोगों को थाने में झूठी शिकायतें कर बंद करवाया। बाद में उनसे रुपए लेकर छुड़वाया भी।
एसआई से दोस्ती करके शिकायत करने वालों को धमकाया
मुख्तियार ने 2003 के बाद भाजपा सरकार में भी दो नंबर क्षेत्र के गुंडे हेमंत यादव के संरक्षण में रहकर अवैध कब्जे किए। विजय नगर थाने के एक एसआई से दोस्ती कर अपने खिलाफ शिकायत करने वालों को धमकाया। सूत्रों के मुताबिक मुख्तियार ने गृह मंत्री रहे बाबूलाल गौर के रिश्तेदार मदन यादव का खास बताकर कई अधिकारियों पर रौब झाड़े और अवैध धंधे किए।
भाजपा की महिला नेता को प्लॉट दिलवाए
एक भाजपा नेत्री जो अब पार्टी से निष्कासित है, उसे भी इलाके में प्लाॅट दिलवाकर कब्जे करवाए। पिछले दिनों विजय नगर थाने से हटाए गए एक टीआई ने गुंडा फाइल के लिए मुख्तियार को बुलाया था। तब अन्य थाने पर तैनात दो जवानों और खुफिया शाखा के एक जवान ने सेटिंग कर उसे थाने चलता करवा दिया। ये वही जवान हैं जो एक बार मुख्तियार के किरायेदार से ऑनलाइन प्रोडक्ट की डिलीवरी में हुए फ्रॉड में रुपए ऐंठकर बिना कार्रवाई आरोपी को छोड़ चुके हैं।
पुलिस महकमे में सनसनी, वरिष्ठ अधिकारी भी हतप्रभ
पुलिस ने उन अधिकारियों की जांच शुरू कर दी है, जिन्होंने मुख्तियार की शिकायतों को नजरअंदाज किया था। विजय नगर थाने के एक एसआई सरदार सिंह सोलंकी को तो हटा दिया। वहीं, एसएसपी रुचिवर्धन मिश्र ने सभी थाना प्रभारियों को निर्देश दिए हैं कि कोई भी फरियादी गुंडे या आपराधिक छवि के व्यक्ति की शिकायत करे ताे तुरंत कार्रवाई करें। प्राॅपर्टी कारोबार से जुड़े हर गुंडे की फाइल खोलें।
अब लोग मुख्तियार के खिलाफ शिकायतें ला रहे हैं
एसएसपी ने मुख्तियार पर विजय नगर थाने में भरत जैन निवासी शिव विलास पैलेस राजबाड़ा की रिपोर्ट पर धोखाधड़ी का केस दर्ज करवाया। इसमें मुख्तियार के साथ कविता वर्मा, रोशन वर्मा, रजत वर्मा और आयुषी वर्मा को आरोपी बनाया है। वहीं, शुक्रवार को दाे और शिकायतें थाने पर आईं। कारोबारी मुरलीदास भाटिया ने केस दर्ज करवाया कि मुख्तियार ने उसे पिस्टल अड़ा प्लाॅट पर कब्जा किया। फिर फर्जी कागजात बनाकर किराए पर दे दिया था।