भोपाल। स्वास्थ्य विभाग ने निष्कासित संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों को वापस ज्वाइन कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। खबर आ रही है कि करीब 700 से ज्यादा पत्र भेजे गए हैं। इन सभी की सेवाएं समाप्त कर दीं गईं थीं। इन्हे फिर से काम पर लौटने के लिए लिखा गया है। ज्वाइन की डेट 16 सितम्बर तय की गई है।
इससे पहले मध्य प्रदेश के संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों ने कमलनाथ सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। इन सभी कर्मचारियों को 2016 में योजना बंद हो जाने के नाम पर नौकरी से निकाल दिया था। कर्मचारियों की मांग थी कि उन्हे किसी दूसरी सेवा में मर्ज किया जाए परंतु उनकी सुनवाई नहीं हुई थी। चुनाव के समय कांग्रेस ने बहाली का वादा किया था।
आंकड़ों की कहानी
-मध्य प्रदेश में 19 हज़ार संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी हैं।
-नियमितिकरण की मांग को लेकर 2018 में 42 दिन तक आंदोलन चलाया था।
-शिवराज सरकार के आश्वासन पर हड़ताल ख़त्म की थी।
-शिवराज सरकार ने 5 जून 2018 की नीति में राज्य/जिला स्वास्थ्य समिति ,एनएचएम के संविदा कर्मचारियों को नियमित समकक्ष पद के 90 प्रतिशत का वेतन लागू करने ,
नियमित भर्ती में 20 प्रतिशत आरक्षण लागू करने, नेशनल पेंशन स्कीम, ईपीएफ, 62 वर्ष के पूर्व किसी भी संविदा कर्मचारी की सेवा समाप्त न करने के साथ ही किसी भी संविदा कर्मचारी पर गम्भीर आरोप लगने के बाद जांच में दोषी पाए जाने पर नौकरी से निकालने की नीति बनायी थी।
-इस नीति को एनएचएम में लागू नहीं किया गया।