जबलपुर। शिक्षक तबादला में लगातार गड़बड़ियां सामने आ रही है। जहां एक शिक्षक है उस स्कूल के शिक्षक का भी तबादला किया जा रहा है और जहां पर्याप्त संख्या में शिक्षक है उन स्कूलों में भी स्थानांतरण करके शिक्षकों को भेजा रहा है। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षकों के तबादले में बरती जा रही लापरवाही को लेकर जिले का शिक्षा विभाग और स्कूल प्राचार्य परेशान है। कटियाघाट हाईस्कूल में बीते 6 साल एक नियमित शिक्षक 250 बच्चों को पढ़ा रहा था उसका तबादला भी कर दिया गया है। अब स्कूल प्रबंधन इस परेशानी में है कि वह इतने बच्चों का अध्यापन किन शिक्षकों से कराए, क्योंकि अतिथि शिक्षक भी स्कूल में सेवाएं देने का तैयार नहीं है।
आधा दर्जन स्कूल के प्राचार्यों ने लिखा पत्र
बताया जा रहा है कि सालीवाड़ा, मानेगांव, लमकना, पिपारिया कला, पड़वार और गांधीग्राम स्कूल और कटियाघाट स्कूल प्राचार्य ने जिला शिक्षा अधिकारी के माध्यम से विभागीय अधिकारियों को पत्र भेजा है कि बगैर तैयारियां किए जा रहे शिक्षकों के तबादले से स्कूल की शैक्षणिक व्यवस्थाएं पटरी से उतर रही है। स्कूल से एक साथ कई शिक्षकों के तबादले किए जा रहे हैं इससे स्कूल में पढ़ाने के लिए शिक्षक ही नहीं बच रहे हैं। इधर जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के अधिकारियों का कहना है कि शासन की तबादला नीति उनके समझ से भी परे है। कब किसका तबादला हो रहा है इसकी जानकारी कार्यालय में नहीं है। प्राचार्यों से जानकारी प्राप्त होती है कि उनके स्कूलों से थोक में तबादले कर दिए गए और वह परेशान है।
रिक्त पदों की सूची में ढेरों विसंगति
शिक्षक संघों की मानें तो फिलहाल प्रायमरी से लेकर हायर सेकंडरी स्कूल में रिक्त पदों की जो सूची पोर्टल पर जारी की गई थी, उसमें भी विसंगतियां सामने आई हैं। ग्रामीण व शहरी क्षेत्र के कई स्कूलों में छात्र संख्या और वर्तमान में पदस्थ शिक्षकों की संख्या से इतर रिक्त पद दर्शा दिए गए हैं। वहीं कई स्कूल ऐसे भी हैं जहां पद रिक्त हैं लेकिन ऑनलाइन सूची में उन्हें नहीं दर्शाया गया। इसके अलावा इस नीति से होने वाले स्थानान्तरण से कई स्कूलों में जो पद रिक्त होंगे वे अगले एक साल तक खाली रहेंगे।
वर्जन...
शिक्षकों के तबादले को लेकर कार्यालय में प्राचार्यों की शिकायतें प्राप्त हो रही हैं, इस संबंध में मुख्यालय अधिकारियों को अवगत कराया जा रहा है। अभी भी पोर्टल नहीं खुला है लगातार छुटिटयां पड़ने से भी शिक्षक परेशान हो रहे हैं और सही जानकारी प्राप्त नहीं हो पा रही है।
पीके श्रीवास्तव, सहायक संचालक जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय