भिंड। जिले में किसान से जमीन के नामांतरण के लिए 7.5 हजार रुपए की रिश्वत लेने के आरोप में न्यायालय ने एक तत्कालीन नायब तहसीलदार और उसके रीडर को पांच-पांच साल की सजा सुनाई है। न्यायालय ने तत्कालीन नायब तहसीलदार अशोक गुप्ता और रीडर राजेश कुशवाह को दोषी मानते हुए दोनों पर 20-20 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। सजा सुनाए जाने के बाद दोनों को जिला जेल भिजवा दिया गया।
अतिरिक्त अभियोजक अमोल सिंह तोमर ने बताया कि लहार निवासी कुंवर साहब सिंह चौहान को अपने परदादा की जमीन दादा प्रहलाद सिंह के नाम पर नामांतरण कराना था। नामांकरण के लिए मेहगांव में नायब तहसीलदार अशोक कुमार गुप्ता के रीडर राजेश सिंह कुशवाह ने अपने लिए 500 रुपए और तहसीलदार के लिए 7 हजार रुपए की रिश्वत मांगी थी।
फरियादी ने इसकी शिकायत ग्वालियर लोकायुक्त पुलिस में की थी। लोकायुक्त पुलिस ने रिश्वत मांगने की रिकॉर्डिंग के बाद केस दर्ज किया और 23 सितंबर 2016 को आरोपी राजेश सिंह कुशवाह को नायब तहसीलदार के कक्ष में फरियादी से साढ़े सात हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकडा था। लोकायुक्त पुलिस ने घटनास्थल पर ही फरियादी के नामांतरण से संबंधित दस्तावेज जब्त कर जांचे तो पाया कि नायब तहसीलदार अशोक कुमार गुप्ता ने नामांतरण की कार्रवाई के संबंध में आदेश पूर्व में ही लिखवा लिए थे, लेकिन रिश्वत की रकम नहीं मिलने से हस्ताक्षर नहीं किए थे।