भोपाल। भ्रष्ट और सरकारी संपत्तियों पर अवैध कब्जा करने वालों की मदद करना, अब कर्मचारियों को भारी पड़ने लगा है। रिश्वत के बदले ऐसी फाइलें दबा तो दी जातीं हैं परंतु अब भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ रहीं ऐजेंसियां ना केवल ऐसी फाइलें निकाल लातीं हैं बल्कि सरकारी वेतन लेकर भ्रष्ट लोगों की नौकरी करने वालों को सजा भी दिलवातीं हैं।
विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम डॉ. शुभ्रासिंह जिला धार ने सोमवार को निर्णय पारित करते हुए मुन्नाागिरी गोस्वामी निवासी ग्राम बरदरी थाना पीथमपुर औद्योगिक विकास केंद्र निगम सेक्टर 3, पीथमपुर जिला धार में पदस्थ टाइम कीपर को दंडित किया। दोषी को 5 वर्ष सश्रम कारावास व 5 हजार रुपए के जुर्माने से दंडित किया गया।
अर्चना डांगी मीडिया प्रभारी ने बताया कि शिकायतकर्ता रमेश कुमार नागर निवासी गणेश नगर ने इंदौर ने लोकायुक्त एसपी इंदौर को शिकायत की थी कि वह पीथमपुर नगर पालिका के सागौर जोन से अप्रैल 2016 से मार्च 2017 तक का अधिकृत रीकवरी कॉन्ट्रेक्टर था। 10 सितंबर 2016 को दोपहर करीब 3.30 बजे उसे मुन्नाागिरी टाइम कीपर ने लाल गेट के पास पीथमपुर में बुलाया था।
उसने बताया कि तुम्हारे क्षेत्र के अतिक्रमण को नहीं हटाने के एवज में 1.50 लाख रुपए देना होंगे। यदि तुम रुपए नहीं दोगे तो क्षेत्र की सारी दुकानें हटवा दूंगा। शिकायतकर्ता ने 24 सितंबर को पीथमपुर में जाकर मुन्नाागिरी से ढाबे पर बातचीत की थी। डेढ़ लाख में से 50 हजार कम करके 1 लाख लेना तय किया था। उस दिन उससे 2 हजार ले लिए थे। 5 हजार 28 सितंबर को और शेष राशि 1 अक्टूबर को लेना तय हुआ था, लेकिन 28 सितंबर 2016 को उसे प्रतिभा सिंटेक्स टंकी खेड़ा पीथमपुर के पास तिराहे पर 5 हजार की रुपए की रिश्वत राशि लेते हुए रंगेहाथों पकड़ लिया गया।
ट्रैप दल का संचालन अधिकारी एसपीएस राघव ने किया था। निरीक्षक महेश सुनैया ने चालान न्यायालय धार के समक्ष प्रस्तुत किया था। जिस पर से न्यायालय द्वारा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम में दोषी पाया गया व उक्त सजा सुनाई। प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी टीसी बिल्लौरे उप संचालक (अभियोजन) ने की थी।