जबलपुर। सेना के लिए गोला-बारूद और हथियार बनाने वाली मध्यप्रदेश के छह आयुध कारखानों के करीब 22,000 कर्मचारी मंगलवार से एक महीने के हड़ताल पर चले गए हैं। ये कर्मचारी इन कारखानों का निगमीकरण करने के केन्द्र के कदम के खिलाफ हड़ताल पर गये हैं।
आयुध कारखानों के कर्मचारियों का यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है, जब जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म किया गया है, जिससे भारत एवं पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ रहा है। आल इंडिया डिफेंस एम्प्लाइज फेडरेशन के अतिरिक्त महासचिव गुहा ठाकुर्ता ने बुधवार को ‘पीटीआई-भाषा’ को जबलपुर से फोन पर बताया कि सेना के लिए गोला-बारूद और हथियार बनाने वाली देशभर की 41 ऑर्डिनेंस फैक्टरी के करीब 82,000 कर्मचारी मंगलवार से हड़ताल पर चले गए हैं। इससे इन फैक्टरियों में कामकाज ठप हो गया है।
उन्होंने कहा कि इसके तहत मध्यप्रदेश के छह आयुध के करीब 22,000 कर्मचारी भी मंगलवार से एक महीने की हड़ताल पर चले गए हैं। इनमें से चार आयुध कारखाने जबलपुर में हैं, जबकि एक-एक कटनी एवं इटारसी में हैं। गुहा ने बताया कि आयुध कारखाने, कोलकाता के कर्मचारी भी काम पर नहीं आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र ने हाल ही में इन आर्डिनेंस फैक्टरियों के निगमीकरण का प्रस्ताव पास किया है। कर्मचारी इस फैसले का विरोध कर रहे हैं।
गुहा ने आरोप है कि सरकार एक तरफ सेना को मजबूत करने के दावे कर रही है और दूसरी तरफ सुरक्षा संस्थानों को निजी हाथों में सौंपने की साजिश रच रही है। उन्होंने कहा कि सरकार का यह कदम देश की सुरक्षा के लिए घातक है। अगर निगमीकरण का फैसला अमल में लाया गया तो अकेले मध्यप्रदेश में ही हजारों कर्मचारियों के सामने रोजी-रोटी का संकट हो जाएगा।