ग्वालियर। आंगनबाड़ी केंद्र नियमित खुलें, अगर लापरवाही की जाती है और केंद्र पर ताला डला मिलता है तो कार्यकर्ता को पद से हटाने की कार्रवाई की जाएगी। यदि बच्चे नहीं आ रहे हैं और इसके बाद भी उनकी रजिस्टर में फर्जी तरीके से हाजिरी भरी जा रही है तो संबंधित आंगनबाड़ी कार्यकर्ता (Anganwadi workers) को हटाने के साथ-साथ पर्यवेक्षक के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
यह आदेश महिला एवं बाल विकास मंत्री इमरती देवी (Minister Imrati Devi) ने कलेक्टर व महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों को दिए हैं। कुपोषण जैसी बीमारी को खत्म करने के लिए आंगनबाड़ी में बच्चों को समय पर पोषण आहार दिया जाए और खेलकूद के साथ-साथ महिलाओं को समय-समय पर जागरुक किया जाए। गोद भराई की रस्म के दौरान टीकाकरण की जानकारी दें और गर्भवती महिलाओं को स्तनपान का महत्व समझाएं। अभी हाल ही में मंत्री व अधिकारियों द्वारा चेकिंग के दौरान पाया गया कि कई केंद्रों पर बच्चों की संख्या न के बराबर है और हाजिरी रजिस्टर में फर्जी तरीके से ज्यादा भरकर पोषण आहार लिया जा रहा है तो कई केंद्र खुलते ही नहीं हैं। मंत्री ने इसे गंभीरता से लेते हुए कलेक्टर अनुराग चौधरी व महिला एवं बाल विकास अधिकारियों को पत्र लिखकर संबंधितों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कहा है।
पत्र के माध्यम से मंत्री ने कहा है कि जिला पंचायत अधिकारी, महिला एवं बाल विकास अधिकारी, प्रशासनिक अधिकारी समय-समय पर आंगनबाड़ी केंद्रों पर पहुंचें और औचक निरीक्षण कर कार्रवाई करें। यहां आने वाले बच्चों व महिलाओं से भी पूछताछ करें साथ ही पोषण आहार की जानकारी लें, साथ ही गुणवत्ता भी परखें।
मिलावटखोरों के खिलाफ प्रशासन द्वारा कार्रवाई की जा रही है और सरकार ने प्रदेशभर में मिलावटखोरों के खिलाफ अभियान चला रखा है। पोषण आहार में किसी भी तरह की मिलावट नहीं होनी चाहिए। चेकिंग के दौरान पोषण आहार और मध्याह्न भोजन की गुणवत्ता को चेक करें अगर मिलावट पाई जाती है तो संबंधित के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाए।