ग्वालियर। जीवाजी विश्वविद्यालय (Jiwaji University) में रिजल्ट (result) को लेकर कैसे हालात हैं, इसका अंदाजा आप बीई मेकेनिकल प्रथम सेमेस्टर के रिजल्ट से लगाया जा सकता है। कक्षा में सिर्फ दो छात्र हैं। ये छात्र फरवरी 2019 में परीक्षा दे चुके थे, लेकिन जेयू रिजल्ट घोषित नहीं कर पाई। बीते दिन छात्रों ने जेयू के अधिकारियों से कहा था कि हताश हो चुके हैं, भविष्य भी बेकार कर दिया। अब तो केरोसिन डालकर आग लगाने की इच्छा होती है। छात्रों की इस चेतावनी के बाद बुधवार को दो रिजल्ट आया है।
जेयू का परीक्षा व रिजल्ट का पूरा सिस्टम बैठ गया है। समय पर न रिजल्ट आ रहे न परीक्षा हो पा रही हैं। रिजल्ट आने के बाद मार्कशीट के लिए भी जद्दोजहद और इंतजार करना पड़ रहा है। जिनके पास मार्कशीटें पहुंची हैं, उनमें गलतियां हैं। जनवरी व फरवरी में जो परीक्षाएं हुई हैं, उन छात्रों को अभी तक रिजल्ट नहीं मिला है। इससे उनका सत्र पिछड़ गया है। बुधवार को भी इस तरह की समस्याएं लेकर छात्र जेयू पहुंचे। उन्हें एक ही जवाब मिल रहा कि कंपनी को बोल दिया है। ज्ञात हो कि यूनिवर्सिटी मेनेजमेंट सिस्टम के तहत जेयू ने रिजल्ट बनाने का काम माइक्रो प्रो नागपुर को ठेका दिया है। इस कंपनी के आने के बाद जेयू का पूरा सिस्टम बिगड़ गया है।
बुधवार को अधिकारी भी कुलसचिव आईके मंसूरी को अपनी पीड़ा बताने पहुंच गए। कंपनी के प्रतिनिधियों को भी बुला लिया गया। सुबह 11 बजे से दोपहर 1 बजे तक रिजल्ट व छात्रों की परेशानियों पर मंथन किया गया। यह भी सामने आया कि सीएम हेल्प लाइन पर शिकायतें बढ़ रही हैं। लेकिन कंपनी अफसर कुछ हल नहीं निकाल सके।
दिसंबर 2017 के रिजल्ट भी अभी तक नहीं आए हैं। बैठक में बताया गया कि 8 महीने से छात्र चक्कर काट रहे हैं। इस पर भी कंपनी से जवाब मांगा गया, लेकिन कोई हल नहीं बताया गया। उन कक्षाओं के रिजल्ट घोषित नहीं हो पा रहे हैं, जिनमें 10 से 12 ही छात्र हैं। एटीकेटी वाले छात्रों का रिजल्ट भी नहीं आ पा रहा है।
माइक्रो प्रो (रिजल्ट बनाने वाली कंपनी) ने आठ महीने बाद जेयू को टेबुलेशन चार्ट (टीआर) जेयू को सौंपा, लेकिन चार्टों पर कुलपति के साइन व सील नहीं थी, जिसे विभागों ने लौटा दिया। टेबुलेशन चार्ट नहीं होने से छात्रों के करेक्शन नहीं हो रहे थे। वहीं दिसंबर 2018 में स्नातकोत्तर व स्नातक परीक्षाएं हुई थीं। करीब 2 लाख छात्र इसमें शामिल हुए थे। इन छात्रों के रिजल्ट के बाद टेबुलेशन चार्ट नहीं दिए गए थे, न मार्कशीट दी गई। लंबे समय बाद यह चार्ट जेयू के पास आए थे।
नोटिस दे दिया है
कंपनी काम नहीं कर पा रही है। इस वजह से उसे दो महीने का नोटिस दे दिया है। समय खत्म होने के बाद उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
आईके मंसूरी, कुलसचिव, जेयू