भोपाल। बेंगलुरु से 16 वर्षीय किशोरी अपने दोस्त से मिलने भोपाल पहुंच गई। दोनों की दोस्ती सोशल मीडिया के जरिए हुई थी, लेकिन मिलते ही दोनों के बीच झगड़ा हो गया। वह लौट रही थी, तभी बस स्टैंड पर संदिग्ध स्थिति के चलते पुलिस ने नाबालिग का रेस्क्यू किया और बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) के सामने पेश किया। काउंसिलिंग में किशोरी ने बताया कि वह दोस्त से मिलने और उसकी पहचान चेक करने बेंगलुरु से भोपाल आई थी।
सीडब्ल्यूसी के पास गोविंदपुरा थाने के जरिए किशोरी को पहुंचाया गया था। वह बेंगलुरु से फ्लाइट से भोपाल आई थी। काउंसिलिंग में उसने बताया कि वह भोपाल में अपने एक दोस्त से मिलने आई है, जो मूलतः रीवा का रहने वाला है। वह दोस्त से मिली, लेकिन उनका झगड़ा हो गया। इसलिए वह बस स्टैंड पहुंच गई। यहीं से किसी व्यक्ति ने डायल 100 को उसकी जानकारी दे दी। इसके बाद किशोरी को गोविंदपुरा थाने के माध्यम से समिति के पास पहुंचाया गया। बालिका के पिता का बेंगलुरु में बिजनेसमैन हैं। काउंसिलिंग के बाद वह सोमवार शाम की फ्लाइट से बेटी को लेकर चले गए।
पिता को बेटी की लाइफ स्टाइल से एतराज
किशोरी ने बताया कि वह दसवीं कक्षा में है। जेबखर्च के लिए वह एक कॉल सेंटर में भी काम करती है। उसने कहा कि उसका सोशल मीडिया सर्कल काफी बड़ा है। शराब पीने की आदत के कारण पिता उसे डांटते थे, जबकि उन्हीं को देखकर उसने शराब पीना शुरू की थी। पिता शराब पीकर उसकी मां के साथ मारपीट करते हैं। वहीं पिता ने कहा कि उन्हें बेटी की लाइफ स्टाइल बिल्कुल पसंद नहीं है। इसकी मां गलत आदतों को छुपाती है।
पिता और बेटी को समझाकर भेजा
काउंसिलिंग में पिता बताया कि वह बेटी की हर ख्वाहिश को पूरा करते हैं, लेकिन यह भी गलत है। अभिभावकों को यह समझना होगा कि बच्चों की जरूरत और ख्वाहिश में संतुलन रखें। पिता और बेटी को समझाकर भेज दिया गया है।
निवेदिता शर्मा, सदस्य, सीडब्ल्यूसी