BHOPAL-INDORE में पुलिस कमिश्नर सिस्टम, पढ़िए लागू हुआ तो क्या होगा

Bhopal Samachar
भोपाल। स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान सीएम कमलनाथ भोपाल और इंदौर में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू करने का ऐलान करने वाले थे परंतु भाषण के ठीक 15 मिनट पहले उनका निर्णय बदल गया। कुछ सीनियर आईएएस अफसरों ने उनसे मुलाकात की और फिर यह बात टल गई। 

सभी पक्षों से चर्चा करेंगे कमलनाथ

मुख्यमंत्री कमलनाथ ने तय किया है कि एक बार मंत्रियों से इस संबंध में चर्चा करने के बाद निर्णय लिया जाएगा। माना जा रहा है कि मंत्रिपरिषद की एक उप समिति बनाई जा सकती है जो मप्र के आईएएस और आईपीएस अधिकारियों के साथ बात करेगी। साथ ही अन्य राज्यों के उन शहरों का भी फीडबैक लेगी, जहां यह व्यवस्था लागू है। 

कमलनाथ को मालूम ही नहीं था पुलिस कमिश्नर के पॉवर क्या होंगे

इस बीच आईएएस एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री के समक्ष तर्क रख दिया है कि भोपाल-इंदौर में पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू होने से क्या दिक्कतें हो सकती हैं। इसमें पुलिसिंग ठीक होने या बढ़ने की बजाए अधिकारों का दुरुपयोग बढ़ सकता है। कुछ शहरों में पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू करने के बाद उसे वापस भी लिया गया है और डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट को दोबारा अधिकार दिए गए। आईएएस अधिकारियों के तर्कों को सुनने के बाद मुख्यमंत्री ने चौंकते हुए कहा कि क्या पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू करने से इतना सबकुछ हो सकता है। सीएम से मिलने वालों में आईएएस एसोसिएशन के लोग, सीनियर आईएएस अधिकारी और कुछ जिलों के अधिकारी शामिल हैं। 

भारत के 72 शहरों में लागू है पु​लिस कमिश्नर सिस्टम  

बताया जा रहा है कि पुलिस महकमे ने पुलिस कमिश्नर सिस्टम को लागू करने के पक्ष में तर्क दिया है कि इस समय 72 शहरों में यह व्यवस्था लागू है। इन शहरों में पुलिसिंग के साथ जनता के लिए बेहतर वातावरण बना है। मप्र में भोपाल और इंदौर को मेट्रोपॉलिटन सिटी बनाने की कवायद चल रही है। यह तभी होगा, जब इन दोनों शहरों में पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू हो जाए। बाद में ग्वालियर और जबलपुर का भी नंबर आएगा। राजस्थान में जयपुर और जोधपुर दो शहरों में पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू है। एक शहर में और किए जाने की तैयारी है। ऐसे में मप्र में भी इस चीज की जरूरत होगी। 

पुलिस किसी को भी जेल भेज देगी, मजिस्ट्रेट की जरूरत ही नहीं होगी

आईपीसी और सीआरपीसी में इतने अधिकार अभी हैं, यदि और बढ़े तो सिस्टम निरंकुश हो जाएगा। अभी पब्लिक के पास अपनी बात रखने के फोरम है। वह तहसीलदार से लेकर जिला मजिस्ट्रेट तक जा सकता है। पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू हो गया तो किसी को गिरफ्तार करने से लेकर जेल में भेजने और उसकी सुनवाई करने के अधिकार एक ही सिस्टम में चले जाएंगे। 

केरल, पंजाब, यूपी में लागू नहीं, आंध्र में विरोध

केरल ने इसे लागू करने से मना कर दिया। पंजाब और उत्तरप्रदेश जैसे राज्य लागू नहीं कर रहे। आंध्रप्रदेश में विरोध शुरू हो गया है। साफ है कि शक के आधार पर किसी को पकड़ लिया गया या उठा लिया और चार दिन बंद रखकर छोड़ दिया तो वह अपनी शिकायत लेकर किसके पास जाएगा। 

अमेरिका में कमिश्नर, मेयर के अधीन है

अमेरिका में यह सिस्टम है, लेकिन कमिश्नर वहां के मेयर के अधीन है। मप्र में ऐसा करते हैं तो राज्य सरकार दिन-प्रतिदिन के विषयों पर कब तक ध्यान देगी। इसलिए इसे लागू करने से पहले डीजीपी को मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव गृह, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह समेत कुछ सीनियर लीडरों से बात करनी चाहिए। 

पुलिस के कहने पर किसी को भी जिला बदर कर देंगे!

पुलिस कहती है कि जिला बदर के केस अटके हैं। सच यह है कि बार-बार गवाहों को बयान के लिए बुलाया जाता है। पुलिस को तलब करते हैं, लेकिन कोई नहीं आता। कैसे किसी व्यक्ति को जिला बदर कर दिया जाए। 

वर्दी का अभी इतना पाॅवर है तो बाद में क्या होगा

बैरागढ़ में शुभम् का केस किसी से छिपा नहीं है कि पुलिस का रवैया कैसा था। शुभम् के पिता ने पुलिस पर सवाल खड़े किए। वर्दी का अभी इतना पाॅवर है तो बाद में क्या होगा? 

सिविल राइट्स खत्म हो सकते हैं

पहले कलेक्टर एसपी की एसीआर लिखता था, जो 10-15 साल से आईजी लिखने लगे। अभी कलेक्टर एडिशनल एसपी और डीएसपी की एसीआर देखते हैं। पुलिस कमिश्नर सिस्टम आने के बाद एसीआर तो छोड़ें, किसी एडीशनल एसपी और डीएसपी के पास कोई पावर नहीं रहेगा। सिविल राइट्स खत्म हो सकते हैं। 

दिल्ली और मुंबई में क्यों लागू है

दिल्ली और मुंबई में आबादी ज्यादा है और क्राइम रेट भी गंभीर स्तर का है। इसलिए वहां पुलिस कमिश्नर सिस्टम चल सकता है। 

आईपीएस एसोसिएशन सीएम से मिलेगा 

एडीजी व आईपीएस एसोसिएशन के अध्यक्ष विजय यादव ने कहा कि बढ़ते शहरीकरण को देखते हुए पुलिस कमिश्नर सिस्टम समय की आवश्यकता है। हालांकि इसे लागू करने का अधिकार राज्य शासन के पास है। एसोसिएशन अन्य मुद्दों के साथ पुलिस कमिश्नर सिस्टम के संबंध में एक बार मुख्यमंत्री से मिलकर सारी स्थिति बताएगा। 

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