भोपाल। बड़े तालाब सहित शहर के 18 तालाबों के संरक्षण के लिए भोजताल प्रबंधन एवं संरक्षण अभिकरण का गठन होगा। मंगलवार को मुख्य सचिव एसआर मोहंती की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में इसे मंजूरी दे दी गई है। साथ ही बड़े तालाब में होने वाले कामों की निगरानी के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक हाई पॉवर कमेटी बनाने पर भी फैसला लिया गया है।
यह कमेटी सिर्फ बड़े तालाब में होने वाले कामों की समीक्षा करेगी। सरकार शहर की लाइफ लाइन के लिए 200 करोड़ से ज्यादा का बजट संरक्षण और संवर्धन के लिए देगी। तालाब की मॉनिटरिंग के लिए मोटर बोट उपलब्ध कराई जाएगी। जबकि संभागायुक्त की अध्यक्षता में भोजताल प्रबंधन एवं संरक्षण अभिकरण के गठन काम शहर के 18 तालाबों के लिए होगा।
मुख्य सचिव ने बैठक में कहा कि इस अभिकरण के गठन के बाद अतिक्रमण रोकने में मदद मिलेगी। साथ ही यह अभिकरण गड़बड़ी करने वाले अफसरों और तालाब को नुकसान पहुंचाने वाले लोगों के खिलाफ जुर्माना लगाने जैसी कार्रवाई कर सकेगा। मुख्य सचिव ने संभागायुक्त कल्पना श्रीवास्तव से कहा कि तीन महीने के भीतर बड़े तालाब का एक्शन प्लान बनाकर पेश करें। कहां पर क्या-काम किए जाएंगे इसकी जानकारी दें, ताकि जो बजट तालाब के संरक्षण के लिए चाहिए उसे सरकार से दिलाने की कार्रवाई शुरू की जाए।
अभिकरण क्या-क्या करेगा
भोज वेटलैंड की जमीन का सीमांकन कर डिजिटल मैप तैयार करवाएगा।
वेटलैंड क्षेत्र में आने वाले जमीन मालिक को झील के संरक्षण को लेकर जागरुक किया जाएगा।
झील के क्षेत्र विशेष के लिए संरक्षण व संवर्धन के कार्य लिस्ट तैयार की जाएगी।
क्षेत्र विशेष में जिन गतिविधियों की अनुमति दी जा सकती है, उन्हें सूचीबद्ध करना व उन गतिविधि को भी सूचीबद्ध करना जिन्हें नियंत्रित किया जाना है।
तालाब की जलधारण क्षमता वृद्धि एवं कैचमेंट एरिया संवर्धन के लिए कार्य योजना बनाने काम होगा।
नोटिफाइड क्षेत्र से अवैध अतिक्रमण हटाने के लिए प्रावधान अनुसार वैधानिक कार्यवाही करना। क्षेत्र की निरंतर मॉनीटरिंग करना और अतिक्रमण रोकना।
झील की गुणवत्ता सुधार के लिए योजना तैयार करना व क्रियान्वयन करना।
बड़े तालाब की मूल हाइड्रोलॉजी लगातार बदल रही है
बड़े तालाब की मूल हाइड्रोलॉजी लगातार बदल रही है। कमला पार्क के पास की टनल बंद होने के बाद तालाब में प्राकृतिक रूप से सिल्ट निकलना पूरी तरह बंद है। भदभदा के गेट भी हर साल नहीं खुल पाते हैं। बारिश में मिट्टी भी अब पहले से ज्यादा बहकर आती है। इसे उथला होने से बचाना होगा। - केजी व्यास, पूर्व सलाहकार राजीव गांधी वाटरशेड मिशन
बड़े तालाब के लिए कोलांस का संरक्षण भी जरूरी
तालाब को बचाने के लिए कोलांस को बचाने के बारे में भी सोचना होगा। कोलांस के किनारे और इसके उद्गम स्थल पर पहले काफी जंगल था, जो अब खत्म हो चुका है। अब इस नदी में जंगल का नहीं बल्कि खेतों का पानी आता है, जो काफी मात्रा में मिट्टी और पेस्टीसाइड बहाकर लाता है। -डॉ. सुदेश वाघमारे, पर्यावरणविद
प्रदूषण से बड़े तालाब के ज्यादातर एक्वेटिक एनिमल खत्म हो चुके हैं
तालाब की बायो डायवर्सिटी के बारे में भी सोचना होगा। प्रदूषण से इसके अंदर के ज्यादातर एक्वेटिक एनिमल खत्म हो चुके हैं, जो पानी को प्राकृतिक रूप से स्वच्छ बनाते थे। 5 बड़े नालों से 20 से 25 एमएलडी अनट्रीटेड सीवेज रोजाना तालाब में मिल रहा है। -डॉ. सुभाष पांडेय, पर्यावरणविद् एवं चेयरमैन हरियाणा वेटलैंड अथॉरिटी