भोपाल। सरकारें हमेशा चुप रहतीं हैं परंतु भोपाल का तालाब अपनी बाहें पसार कर बता देता कि कितने निर्माण हैं जो उसकी हदों के भीतर हो गए हैं। इस बार भी ऐसा ही हुआ। बैरागढ़ में तालाब ने अवैध निर्माणों की पोल खोल दी है। चिरायु हॉस्पिटल सहित कई शादी हाल और होटलों के कारण तालाब का पानी आगे बढ़ने से रुका। आरोप लगते रहे हैं कि चिरायु हॉस्पिटल को बचाने के लिए भदभदा डेम के दरवाजे खोले जाते हैं। इस बार भी ऐसा ही हुआ है।
सरकारी अफसरों ने किया तालाब की सीमाओं से खिलवाड़
पत्रकार हरेकृष्ण दुबोलिया ने 2016 में एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी। उस समय उन्होंने बताया था कि बड़े तालाब के फुल टैंक लेबल की मुनारों का सत्यापन शुरू होने से पहले भैंसाखेड़ी स्थित चिरायु हॉस्पिटल के पास लगीं 1 से 18 नंबर तक की 16 मुनारें गायब हैं। चिरायु हॉस्पिटल की दीवार के पास दो मुनारें पानी में डूबी हुई हैं, जो सड़क से नजर आती हैं। इससे स्पष्ट है कि तालाब के डूब क्षेत्र को खत्म कर चिरायु हॉस्पिटल कैंपस में हो रहे निर्माण की हकीकत को छिपाया गया है। इंदौर रोड पर कैम्पियन स्कूल से लगभग 100 मीटर पहले सड़क के दूसरी ओर 19 नंबर की मुनार से आगे की सभी मुनारें मौजूद हैं।
शिवराज सिंह की कृपा से तालाब की जमीन पर तना है चिरायु अस्पताल
आरोप है कि चिरायु अस्पताल भोपाल के बड़े तालाब की डूब वाली जमीन पर तान दिया गया है। अस्पताल के संचालकगण सीएम शिवराज सिंह के मित्र परिवारों में हैं, इसलिए नगरनिगम ने कभी कोई आपत्ति नहीं की। इस अस्पताल को करोड़ों की जमीन कोड़ियों के दाम दे दी गई। बदले में यहां गरीबों का सस्ता इलाज कराया जाना था। शुरूआत में ऐसा हुआ भी, लेकिन आजकल गरीब मरीजों को यहां से भगा दिए जाने की शिकायतें भी आ रहीं हैं। इलाज भी महंगा हो यगा है। सवाल यह है कि तालाब के डूब क्षेत्र में निर्माण की मंजूरी कैसे दे दी गई और यदि दे भी दी गई है तो इस निर्माण को अब तोड़ क्यों नहीं दिया गया।
व्यापमं घोटाले में जेल जा चुके हैं CHIRAYU के मालिक Dr. AJAY GOENKA
जिला कोर्ट ने चिरायु मेडिकल कॉलेज के मालिक Dr. AJAY GOENKA ने 31 जनवरी 2018 को भोपाल कोर्ट में सरेंडर किया था जहां से उन्हे जेल भेज दिया गया था। गोयनका करीब तीन महीने से फरार चल रहे थे। कोर्ट में सरेंडर करने के दौरान सीबीआई के सरकारी वकील भी मौजूद थे। व्यापमं घोटाले की जांच कर रही सीबीआई ने पीएमटी 2012 मामले में CHIRAYU MEDICAL COLLEGE AND HOSPITAL BHOPAL के मालिक डॉक्टर अजय गोयनका को आरोपी बनाया था। अजय गोयनका पर पीएमटी परीक्षा में फर्जीवाड़ा करने का आरोप है।