भोपाल। जिला और निचले स्तर पर कमजोर गवर्नेंस और सीएम हेल्पलाइन में दर्ज शिकायतों का निपटारा नहीं होने से मुख्यमंत्री कमलनाथ खफा हैं। लिहाजा, सीएम सचिवालय ने प्रदेश के सारे कलेक्टरों को पत्र भेजकर सात विभागों की जनता से जुड़ी शिकायतों की संख्या भेजकर कहा है कि अगस्त में ही इनका निराकरण कर लें।
मुख्यमंत्री अगले महीने जन अधिकार कार्यक्रम में सारे कलेक्टरों से इन शिकायतों के संबंध में बातचीत भी करेंगे। सीएम सचिवालय ने साफतौर पर कलेक्टरों को चेता दिया है कि अगले महीने वे पूरी तैयारी से रहें, शिकायतों की वस्तुस्थिति से उन्हें सीएम को अवगत कराना होगा।
शिकायत ज्यादा होना यानी कमजोर गवर्नेंस
मुख्यमंत्री ने कलेक्टर और कमिश्नर को साफ संकेत दिए हैं कि जिन जिलों में ज्यादा शिकायतें लंबित हैं यानी वहां की गवर्नेंस में ज्यादा सुधार की जरूरत है। सूत्रों के मुताबिक सीएम हेल्पलाइन में भी लंबित समस्याओं के लिए अब सीधे कलेक्टर को ही जिम्मेदार ठहराया जाएगा।
सीएम के पीएस ने लिखा पत्र -
सीएम सचिवालय के प्रमुख सचिव अशोक बर्णवाल ने सभी कलेक्टरों को पत्र भेजकर लंबित शिकायतों के त्वरित निपटारे का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि इन शिकायतों की समीक्षा मुख्यमंत्री कमलनाथ अगले महीने करेंगे, इसलिए बेहतर है कि जिन विभागों की शिकायतें हैं, उनसे निराकरण करवाएं।
किस विभाग की कितनी शिकायतें
राजस्व विभाग - 1689 शिकायतें, सरकार ने कहा है कि यह शिकायतें भूअर्जन, विवादित-अविवादित नामांतरण और बंटवारे के लंबित प्रकरणों की हैं।
लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण - 2891 शिकायतें, जननी सुरक्षा योजना का लाभ न मिलने के मामलों का निपटारा नहीं किया गया है।
जनजातीय कल्याण विभाग - 850 शिकायतें, शिष्यवृत्ति, छात्रवृत्ति नहीं मिलने या विलंब से मिलने के मामलों का निपटारा नहीं किया गया है।
पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग - 2461 शिकायतें, प्रधानमंत्री आवास योजना की किस्त नहीं दिए जाने के संबंध में है।
सामाजिक न्याय- 693 शिकायतें, मुख्यमंत्री कन्या विवाह और निकाह योजना के मामलों में निपटारा नहीं किया गया है।
ऊर्जा विभाग - 1217 शिकायतें, तार टूटने सहित छोटी-मोटी शिकायतें महीनों से लंबित हैं।
गृह विभाग - 3366 शिकायतें, एफआईआर न लिखने, समय पर नहीं लिखने या सही धाराएं नहीं लगाए जाने के मामले लंबित बताए जा रहे हैं।