इंदौर। गणेश विसर्जन चल समारोह में इस बार डीजे पूर्णत: प्रतिबंधित रहेगा। बुधवार को कलेक्टर लोकेश जाटव और एसएसपी रुचि वर्धन मिश्रा की मौजूदगी में हुई शांति समिति की बैठक में यह निर्णय लिया गया। कलेक्टर जाटव ने स्पष्ट किया कि इस बार के अनंत चतुर्दशी चल समारोह में डीजे पूरी तरह प्रतिबंधित रहेंगे।
कलेक्टर ने यह भी स्पष्ट किया कि चल समारोह भंडारी मिल क्रॉसिंग से ही शुरू होगा। उन्होंने कहा कि चिकमंगलूर चौराहे से चल समारोह शुरू करने की बात पूरी तरह गलत है चल समारोह भंडारी मिल क्रॉसिंग यानि डीआरपी तिराहे से ही शुरू होगा। झांकियां डीआरपी लाइन से प्रारंभ होकर चिकमंगलूर चौराहा, जेल रोड, एमजी रोड, कृष्णपुरा छत्री, नंदलालपुरा, जवाहर मार्ग, गुरुद्वारा चौराहा, बंबई बाजार, नर्सिंह बाजार चौराहा, सितलामाता बाजार, गोराकुंड चौराहा, खजूरी बाजार, राजबाड़ा, कृष्णपुरा पुल होते हुए समाप्त होगी।
अनंत चतुर्दशी चल समारोह में चलित झांकियां निकालने की परंपरा लगभग 100 साल पुरानी है। इस परंपरा की शुरूआत कपड़ा मिलों में काम करने वाले मजदूरों ने की थी। प्रारंभ होने के कुछ समय बाद ही यह इंदौर की पहचान और परंपरा बन गई। 80-90 के दशक में कपड़ा मिलों की हालत खराब होने लगी और शहर की मिलें धीरे-धीरे बंद होती गई। मिलें बंद होने के बाद भी मजदूरों ने चंदा कर झांकी की परंपरा को कायम रखा। मप्र सरकार ने भी इस परंपरा को बचाए रखने के लिए आर्थिक सहयोग प्रारंभ किया लेकिन वह झांकी निर्माण की लागत की तुलना में काफी कम था, यह विडंबना वर्तमान में भी जारी है। वहीं दो दशक पहले नगर निगम, आईडीए सहित कुछ संस्थाओं ने भी झांकी निर्माण प्रारंभ किया जो वर्तमान में भी जारी है।