भोपाल। डीपीआई कमिश्नर जयश्री कियावत ने राज्य सूचना एवं विज्ञान अधिकारी को पत्र लिखकर यह सुनिश्चित करने को कहा है कि अध्यापक से पदनाम बदलकर शिक्षक हुए कर्मचारियों की पेंशन हेतु अंशदान कटौती नियमित रूप से जारी रखी जाए। बताया गया है कि पदनाम बदलने के कारण यह कटौती अपने आप बंद हो गई है।
जयश्री कियावत, आयुक्त लोक शिक्षण, मध्यप्रदेश भोपाल ने राज्य सूचना एवं विज्ञान अधिकारी, राष्ट्रीय सूचना एवं विज्ञान केन्द्र, विन्ध्यांचल-भवन, भोपाल को लिखा है कि मध्यप्रदेश राज्य स्कूल शिक्षा सेवा (शैक्षणिक संवर्ग), सेवा शर्ते एवं भर्ती नियम, 2018 के अनुसार 1.84 लाख अध्यापक संवर्ग को स्कूल शिक्षा विभाग की शालाओं में दिनांक 01.07.18 से सुसंगत पदों पर नियुक्त करने का प्रावधान किया गया है।
दिनांक 01.04 2011 से अध्यापक संवर्ग को नवीन अंशदायी पेंशन योजना लागू की गई थी, जिसमें अभिदाता के वेतन का 10 प्रतिशत की राशि एवं इस राशि के बराबर शासन का अंशदान की राशि के कटौत्रा कर इस अंशदान राशि को एन.एस.डी.एल. मुम्बई को चालान के माध्यम से राशि को प्रेषित किये जाने का प्रावधान है।
अधिकांश जिलों यह जानकारी प्राप्त हो रही है कि अध्यापक संवर्ग के कर्मचारी जैसे कि सहायक अध्यापक से प्राथमिक शिक्षक, अध्यापक से माध्यमिक शिक्षक, वरिष्ठ अध्यापक से उच्च माध्यमिक शिक्षक के पदों पर नियुक्त हो चुके है। इन शिक्षकों के वेतन देयक जनरेट करते समय 10 प्रतिशत पेंशन की अंशदान राशि की कटौती नही हो रही है, जो कि पूर्व में हो रही थी।
अतः उल्लेखित शिक्षकों के पदनाम परिवर्तन होने या अन्य कारणों से पोर्टल से जनरेट होने वाले वेतन देयक से अंशदायी पेंशन की 10 प्रतिशत अंशदान की कटौती नही हो पा रही है। कृपया पोर्टल में पूर्वानुसार वेतन देयक से अंशदान का मासिक कटौत्रा सुनिश्चित कराने का कष्ट करें।