नीमच। जिला एवं सत्र न्यायालय के जिला अभियोजन अधिकारी (District Prosecution Officer) आरआर चौधरी (RR Chaudhary) को उज्जैन लोकायुक्त पुलिस ने 10 हजार रुपए की रिश्वत (bribe) लेते रंगेहाथों पकड़ा। टीम ने उसे खुद के ही कार्यक्षेत्र वाले कोर्ट दफ्तर में गिरफ्तार किया। भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम विशेष न्यायाधीश अजयसिंह ठाकुर की कोर्ट में उन्हें पेश किया गया। कोर्ट ने उनकी जमानत खारिज कर दी और टिप्पणी की कि अगर न्याय दिलाने वाले ही पवित्र स्थान न्यायालय परिसर में बैठकर भ्रष्टाचार करेंगे तो समाज में क्या संदेश जाएगा?
सब कुछ गलत हुआ। चौधरी को 4 सितंबर तक ज्यूडिशियल हिरासत में जिला जेल भेजा दिया। यह सुनते ही चौधरी निराश हो गए। उनको पुलिस स्टाफ कंधों के हिस्से से पकड़कर बाहर खड़ी जीप तक लाए और जेल भेजा। अभियोजन अधिकारी चौधरी ने वर्तमान में देवास में पदस्थ बिजली कंपनी के जूनियर इंजीनियर राजेंद्र गोलिया से उनके 4 साल पुराने लोकायुक्त मामले (िजले के नयागांव में 2015 के लोकायुक्त केस) में गवाह, अभियोजन साक्ष्य जल्द कराने के एवज में 25 हजार रुपए की रिश्वत मांगी थी।
वे बीते 2 साल से केस में टालमटोल कर रहे थे। बातचीत में दोनों पक्षों में 20 हजार में केस पर सहमति बनी। जूनियर इंजीनियर ने अभियोजन अधिकारी से मोबाइल फोन पर हुई बातचीत रिकाॅर्ड कर ली और उज्जैन में लोकायुक्त पुलिस से संपर्क साधा। बुधवार दोपहर जेई गोलिया पहली किस्त के 10 हजार रुपए लेकर अभियोजन अधिकारी चौधरी के कोर्ट स्थित सरकारी कार्यालय में गए। इस दौरान इशारा पाते ही लोकायुक्त पुलिस ने अभियोजन अधिकारी को रंगेहाथों पकड़ लिया।