भोपाल। चौसर खेल के बारे में कौन नहीं जानता। महाभारत में इसी खेल में द्रोपदी को दांव पर लगाया गया था और पांडवों के हारने के बाद द्रोपदी का चीरहरण हुआ था। अब यही खेल मध्य प्रदेश के सरकारी स्कूलों में खिलाया जाएगा। बता दें कि चौरस के खेल से ही जुआ की शुरूआत हुई थी। इन दिनों जुआ के लिए ताश प्रचलन में है, ग्रामीण इलाकों में आज भी चौसर पर जुआ खेला जाता है।
सरकार ने बच्चों को मानसिक रूप से मजबूत बनाने के लिए शतरंज और कैरम खेलों को स्कूल स्तर पर कराया है, लेकिन इस बार ऐसा किया है कि बच्चों को मानसिक रूप से मजबूत और सशक्त बनाने सदियों पुराने बंद हो चुके खेल को फिर से चालू किया जा रहा है। यह खेल द्वापर युग का है, जिसे राजा-महाराजाओं द्वारा खेला जाता था। इसी खेल से जुआ का शुरुआत हुई। अब यह खेल स्कूली बच्चों को मानसिक रुप से मजबूत करने के लिए लागू किया जा रहा है।
अगले माह से होगी खेल प्रतियोगिताओं की शुरुआत
चोसर खेल को सिर्फ शहरी स्कूलों में ही नहीं बल्कि, ग्रामीण स्तर पर स्कूलों में भी खिलाया जाएगा, जिसके आदेश सरकार ने जारी कर दिए है और आयोजन की तैयारी के लिए प्रारूप तैयार कर लिया गया है। ग्रामीण व शहरी स्तर पर खेलों की शुरुआत अगले माह से की जाएगी, जिसमें मानसिक रुप से बच्चों को मजबूत करने के लिए शतरंज, कैरम और चोसर खेल खिलवाया जाएगा।
जबकि शारीरिक रुप से मजबूत करने के लिए कबड्डी, कुश्ती सहित अन्य खेलों का आयोजन होगा। इसे लेकर खेल अधिकारी ने कलेक्टर से मंजूरी भी ले ली है। जिसमें अब स्कूल स्तर पर खेलों को खिलाने के लिए प्रारुप तैयार किया जा रहा है ताकि, इसमें दिन और तारीख के अनुसार खेल खिलाए जा सके।
विजेताओं की जिला स्तर पर होगी प्रतियोगिता
स्कूल स्तर के विजेताओं की जिला स्तर पर अलग से प्रतियोगिता कराई जाएगी, जबकि इसके पहले इन्हें ब्लॉक स्तर पर खेल खिलाए जाएंगे। जिसमें विजेताओं को ट्रॉफी व प्रमाण-पत्र भी पुरस्कार स्वरुप दिए जाएंगे।