ग्वालियर। मेरठ के जालसाजों ने ग्वालियर के विश्वविद्यालय थाना क्षेत्र में कैलाश विहार के पास एक किराए के कमरे में फर्जी फाइनेंस कंपनी का दफ्तर खोल लिया था। वो लोगों से लोन दिलाने के नाम पर फाइल चार्ज और दस्तावेज जमा कराते थे और फिर फरार हो जाते थे। इससे पहले वो नोएडा में भी इसी तरह की वारदात कर चुके हैं।
सीएसपी मुनीष राजौरिया ने बताया कि मुखबिर से सूचना मिली कि कैलाश विहार में इंडोफिन बिजनेस सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड फाइनेंस कंपनी के नाम से फर्जीवाड़ा किया जा रहा है। कंपनी के कर्मचारी लोगों को लोन फाइनेंस के साथ ही नौकरी लगवाने का झांसा दे रहे थे। इनकी गतिविधि संदिग्ध बताई गई। टीआई रामनरेश यादव ने टीम के साथ दबिश दी और एक युवक वकार अहमद निवासी मेरठ को पकड़ लिया।
पंजीयन व जीएसटी नंबर फर्जी:
कंपनी के दस्तावेजों की जांच में आधार कार्ड पंजीयन व जीएसटी नंबर फर्जी निकले। INDOFIN BUSINESS SOLUTION PVT LTD के नाम से कोई भी कंपनी रजिस्टर्ड नहीं है। पुलिस ने कंपनी कर्मचारियों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया है।
इन पर दर्ज हुआ मामला:
पुलिस ने आरोपी वकार अहमद से पूछताछ के बाद नासिर खान, जाहिद खान, शोभना मुसलमान, शहजाद खान, अयान खान, अनीस सिद्दकी निवासी मेरठ के खिलाफ धोखाधडी का मामला दर्ज कर लिया है। वकार अहमद के अलावा सभी आरोपी फरार हो गए। फरार हुए आरोपियों की तलाश में पुलिस पार्टी मेरठ रवाना हो गई है।
लोन आवेदन पर फाइल चार्ज लेकर हो जाते फरार
ठगों ने कंपनी के नाम लोन आवेदन प्रिंट कराए थे। एक लाख रुपए से 5 लाख रुपए तक के लोन पर फाइल चार्ज के रूप में 5 हजार से 20 हजार रुपए आवेदकों से वसूला जाना था। कंपनी के सेल्स एक्जीक्यूटिव आवेदन अपने बेंगलुर मुख्यालय भेजे जाने के नाम पर होल्ड पर रखते और रकम एकत्र कर फरार हो जाते।
सभी ने बदल रखे थे अपने नाम:
आरोपियों ने अपने नाम बदलकर रखे थे। शोभान ने अपना नाम सिद्धार्थ मल्होत्रा, शाहबाज ने अपना नाम रोहित, अयान ने नाम समर मलिक, अनीस सिद्दकी ने अपना नाम अजय कुमार, नासिर खान ने विक्रम तथा जाहिद ने सौरभ पाठक नाम रखा था।