ग्वालियर। डॉक्टर प्रोटेक्शन एक्ट (Doctor Protection Act) लागू होने के बाद से ही डॉक्टरों द्वारा मरीजों के साथ दुर्व्यवहार व मारपीट के मामले बढ़ते जा रहे हैं। शनिवार को सिविल अस्पताल हजीरा में एक 78 साल के वृद्ध मरीज व उसके आरक्षक बेटे को डाक्टरों ने सिर्फ इसलिये पीट दिया कि उसने डाक्टर से यह कह दिया कि और दवा तो ठीक है, लेकिन पिता बहुत कमजोर हो गए हैं उन्हें ताकत की दवा लिख दें। यह मामला पुलिस तक पहुंच गया, वहीं अस्पताल में तनाव के हालात बने हुए हैं।
आरक्षक अपने पिता के लिए ताकत की दवा चाहता था
पुलिस कालोनी हजीरा निवासी अशोक (Ashok Bharti) पुलिस महकमे में आरक्षक है। उसने अपने पिता भरोसीलाल भारती (Bharosilal Bharti) को उल्टी दस्त की शिकायत पर सिविल अस्पताल हजीरा में दो दिन पहले दिखाया था, जहां उनकी स्थिति देखकर डॉक्टरों ने भर्ती कर लिया था। आज जब वृद्ध की छुट्टी की गई तो उनका इलाज कर रहे डा. वीरपाल यादव (Dr. Veerpal Yadav) ने दवा का पर्चा भी डिस्चार्ज टिकट के साथ पकड़ा दिया। यहां तक सब कुछ ठीक था, लेकिन जब अशोक ने डाक्टर से कहा कि उसके पिता के लिये ताकत की दवा भी लिख दें।
डॉक्टर ने कहा क्लीनिक आकर फीस दो तब लिखूंगा
इस पर डा. यादव ने इंकार कर दिया और कहा कि अब यह ठीक हैं इन्हें घर ले जाओ, बकौल अशोक जब उसने डाक्टर ये यह कहा कि बाजार से ही दवा लिख दो तो फिर डा. यादव को ताव आ गया और उन्होंने कहा कि इसके लिये इन्हें क्लीनिक पर ले आओ और फीस चुकाओ तब लिखूंगा दवा, बस यहीं से मामला पहले मुंहवाद और मारपीट पर पहुंच गया।