इंदौर। नगर निगम द्वारा नृसिंह बाजार रोड पर शनिवार को दो स्कूल ढहाए गए। स्कूल के शिक्षकों के विरोध के बावजूद निगम टीम ने महज पांच मिनट में 70 साल पुराने दोनों स्कूलों काे गिरा दिया। नगर निगम द्वारा जयरामपुर काॅलोनी से लेकर गौराकुंड चौराहे तक 60 फीट सड़क चौड़ीकरण का कार्य कराया जा रहा है। इसी को लेकर निगम ने बाधक निर्माण हटाना शुरू किए हैं। निगम ने नोटिस के जरिए भवन मालिकों को खुद ही निर्माण हटाने को कहा था, जिस पर कुछ लोगों ने निर्माण हटाना शुरू कर दिया था। यह सड़क लगभग 1200 मीटर लंबी है, जिसे 12 करोड़ रुपए की लागत से चौड़ा किया जाना है।
निगम ने शुक्रवार रात बाधक निर्माण का हटाने का फैसला लिया और शनिवार सुबह करीब साढ़े 8 बजे निगम दल जेसीबी मशीन और पोकलेन लेकर मौके पर पहुंची। यहां पर चौड़ीकरण मे बाधक बन रहे स्कूल को सबसे पहले धराशायी करने का काम शुरू किया गया। स्कूल गिराने को लेकर टीचरों ने विरोध दर्ज करवाया, लेकिन निगमकर्मियों ने एक नहीं सुनी और पांच मिनट में दोनों स्कूलों को जमींदोज कर दिया। नृसिंह बाजार चौराहा से दरगाह चौराहा के बीच पिंजारा बाखल वाले कोने पर यह स्कूल था।
निगम के भवन अधिकारी पीएस कुशवाह के नेतृत्व में शुरू हुई कार्रवाई में निगम ने 15 मीटर चौड़ाई वाले निर्माणों को हटाना शुरू किया। इस दौरान क्षेत्र में आवाजाही पूरी तरह से बंद कर दी गई थी। दोनों तरफ निगम के वाहनों को खड़ा कर रास्ता रोक दिया गया था। निगमकर्मियों ने बाइक सवार और पैदल जाने वालों को भी आने नहीं दिया। निगम ने कार्रवाई के लिए दो पोकलेन मशीन और दो जेसीबी मशीन लगाई है। निर्माण हटाने के साथ ही यहां से मलबा हटाने का काम भी शुरू कर दिया गया है। कार्रवाई के दौरान लोग घरों की खिड़कियों से झांकते नजर आए।
कार्रवाई का विरोध कर रहे शासकीय विद्यालय के प्रधान अध्यापक अनुज दुबे ने बताया कि निगम के द्वारा हमें कार्रवाई को लेकर कोई नोटिस नहीं दिया गया था। ना ही हमें मौखिक रूप से कुछ जानकारी दी गई थी। समाचार सुनकर यहां आए तो निगमकर्मी मनमाने तरीके से तोड़फोड़ में लगे थे। स्कूल के भवन के पिछले हिस्से में स्कूल का पूरा रिकार्ड रखा हुआ है। यह रिकार्ड भी इस कार्रवाई में नष्ट हो गया। दुबे के द्वारा उस वक्त भी आपत्ति ली गई, जब निगम के अधिकारी इस कार्रवाई को अंजाम दे रहे थे।