जबलपुर। शहर में स्वाइन फ्लू की तरह ही एक अन्य वायरस फैलने से लोग बीमार हो रहे हैं। बीमारी में बर्ड फ्लू जैसे लक्षण मिलते हैं। एनआईआरटीएच (नेशनल इंस्टीट्यूट रिसर्च ऑफ ट्राइबल हेल्थ) जबलपुर की वायरोलॉजी लैब में स्वाइन फ्लू वायरस एच-1एन-1के रिसर्च के दौरान यह वायरस एच-3-एन-2 देखने मिला है। जबलपुर के पांच मरीजों में यह इस वायरस के लक्षण मिले हैं जिनका इलाज नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल अस्पताल जबलपुर में चल रहा है।
पक्षी और सूअर के जरिए मनुष्यों में प्रवेश करता है
यह वायरस स्वाइन फ्लू जैसा ही है। यह वायरस पक्षियों, सूअरों में फैलता है और इससे मनुष्यों में फैलता है, लेकिन मेडिकल अस्पताल में मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ. दीपक बरकड़े के अनुसार अभी यह कहना ठीक नहीं है कि यह बर्ड फ्लू है, इस बीमारी के लक्षण इसके जैसे हैं, बल्कि यह स्वाइन फ्लू का ही वेरिएंट या प्रकार है जोकि मनुष्य से मनुष्य में फैल रहा है क्योंकि स्वाइन फ्लू के वायरस के म्यूटेशन या गुणसूत्र में परिवर्तन से इस तरह का वायरस बनता है।
पांच मरीज एच-3 एन-2 से पीड़ित भर्ती हैं
मेडिकल अस्पताल में पांच मरीज एच-3 एन-2 से पीड़ित भर्ती हैं। इनको सर्दी, बुखार के साथ जोड़ों में दर्द की शिकायत के कारण भर्ती किया गया। पहले इन मरीजों को स्वाइन फ्लू संदिग्ध की श्रेणी में रखते हुए इनके गले के स्त्राव का सैंपल एनआईआरटीएच की वायोरोलॉजी लैब भेजा। लैब की जांच रिपोर्ट में इन मरीजों में एच-3एन-2 वायरस पॉजिटिव आया। मरीजों का इलाज कर रहे डॉ. दीपक बरकड़े का कहना है कि यह इंफ्लूएंजा वायरस है लेकिन यह मनुष्य से मनुष्य में आया है, अभी यह सामने नहीं आया है कि पक्षियों या सूअर से यह वायरस मनुष्य में आ रहा है।
यह है लक्षण-
- इस बीमारी में सर्दी, बुखार, शरीर में दर्द के साथ गले में दर्द की शिकायत होती है।
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डॉ. प्रदीप बर्डे, वरिष्ठ वैज्ञानिक, एनआईआरटीएच जबलपुर का कहना है कि ऐसा कहना उचित नहीं होगा कि यह नया वायरस है, हमारी लैब अपग्रेड हुई है, रिसर्च के दौरान यह वायरस एच-3 एन-2 हमें मिला है। यह स्वाइन फ्लू के वायरस का ही एक वेरिएंट या प्रकार है। इस वायरस का अभी परीक्षण जारी है।