जबलपुर। यहां बड़ा घटनाक्रम हुआ है। प्रोफेसर के साथ हुई मारपीट के मामले में आरोपी एनएसयूआई नेताओं की गिरफ्तारी की मांग को लेकर ABVP ने विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान पुलिस ने ABVP के विरोध प्रदर्शन में शामिल छात्र एवं छात्राओं पर लाठीचार्ज कर दिया। लाठीचार्ज से पहले वाटर कैनन अटैक किया गया फिर आंसू गैस के गोले भी दागे गए। पुलिस का कहना है कि ABVP की छात्राओं ने पथराव किया था, आत्मरक्षा में उन्हे हल्का बल प्रयोग करना पड़ा। ओमती पुलिस ने उप निरीक्षक नवल सिंह परस्ते की शिकायत पर अभाविप के 35 कार्यकर्ताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।
पुलिस ने कहा छात्राओं ने पथराव किया था
ओमती थाना प्रभारी नीरज वर्मा ने बताया कि घंटाघर-कलेक्ट्रेट मार्ग पर प्रशासन द्वारा धारा 144 लागू की गई है। बेरीकेड्स लगाकर अभाविप कार्यकर्ताओं को रोका गया। प्रदर्शनकारी छात्राओं से शांतिपूर्ण माहौल में चर्चा की जा रही थी तभी किसी और रास्ते से परिषद से जुड़ी छात्राएं सड़क के दूसरी तरफ पहुंच गईं और नारेबाजी करते हुए पुलिस पर पत्थर चला दिए। तब तक प्रदर्शनकारी अन्य छात्र नेताओं ने बेरीकेड्स तोड़ने, सार्वजनिक सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की। जिन्हें रोकने के लिए बल प्रयोग करना पड़ा। सुरक्षा ड्यूटी में तैनात कुछ पुलिसकर्मी घायल हुए।
पुलिस दुर्भावनापूर्वक काम कर रही है
इधर परिषद कार्यकर्ताओं का आरोप है कि कॉलेज में प्राध्यापक से मारपीट करने वाले एनएसयूआई नगर अध्यक्ष विजय रजक को पुलिस गिरफ्तार नहीं कर रही है। प्रदेश में कांग्रेस शासन आते ही पुलिस भाजपा और उससे जुड़े संगठनों के कार्यकर्ताओं पर अत्याचार कर रही है।
वाटर कैनन के बाद किया लाठीचार्ज
पानी की बौछार से भीड़ तितर-बितर तो हो गई लेकिन इसके बावजूद कुछ कार्यकर्ता मानने तैयार नहीं थे। उनके द्वारा बेरीकेड्स तोड़कर जैसे ही भीतर जाने की कोशिश की गई पुलिस ने बल प्रयोग कर लाठी चार्ज शुरू कर दिया।
सड़क पर दोनों तरफ जाम लग गया
पुलिस ने छात्रों का कलेक्ट्रेट तक प्रवेश रोकने के लिए एक ओर का रास्ता बंद किया था लेकिन जैसे ही प्रदर्शन शुरू हुआ और पुलिस ने अश्रु गैस के साथ पानी की बौछारें छोड़ी वाहन चालक भी सहमकर पीछे हट गए। स्थिति यह बनी कि थोड़ी देर में ही सड़क के दोनों सिरों में भारी जाम लग गया।
इन छात्राओं एवं नेताओं के खिलाफ FIR
ओमती पुलिस ने सुमन यादव, अनुपमा सिंह, रानू श्रीवास, सरवम सिंह राठौर, शुभांग गोंटिया, प्रियंक सांडेल, मृदुल मिश्रा, शशांक शर्मा, अमरनाथ मिश्रा, दिनेश यादव, लोकेश सिंह, शुभम सिंह, सुरजीत बघेल, अनिधीश, अनुभव, लोकेश साहू, सिद्धांत गोंटिया, भावेश परिहार, पराग दुबे, माखन शर्मा, शिवम सिंह, सिद्धार्थ सिंह, आदित्य पाठक, आशुतोष गोडबोले, उत्कर्ष मिश्रा, सृजल श्रीवास्तव, पंकज तिवारी, रोहन वैद्य, प्रियम अग्रवाल, उक्की शर्मा, निश्चय शर्मा, अमन अग्रहरी, राजा साहू, योगेन्द्र सिंह के खिलाफ धारा 353, 186, 332, 427, 323, 336, 294, 506, 188, 147, 148, 149 व 3/4 सार्वजनिक सम्पत्ति नुकसान निवारण अधिनियम 1984 के तहत प्रकरण दर्ज किया है।