जबलपुर। मैं जबलपुर से अब कभी चुनाव नहीं लड़ूंगा। यह बात राज्यसभा सदस्य विवेक तन्खा ने एक चैनल को दिए साक्षात्कार में कही। पत्रकारों ने जब उनसे इसकी पुष्टि करनी चाही तो विवेक तन्खा ने कहा कि यह सही है कि मैं कभी जबलपुर से चुनाव नहीं लड़ूंगा।
विकास के लिए काम करूंगा
विवेक तन्खा ने कहा कि वे दो बार जबलपुर से चुनाव लड़ चुके हैं, इसलिए अब वे चुनाव नहीं लड़ेंगे। हालांकि जबलपुर के विकास के लिए वे पूरा प्रयास करेंगे। बता दें कि लोकसभा चुनाव 2019 में विवेक तन्खा को पूरी उम्मीद थी कि जनता उन्हे ही चुनेगी लेकिन अंतत: वो चुनाव हार गए। हारे हुए तमाम कांग्रेस प्रत्याशी अपनी हार का कारण कुछ भी बताते हों परंतु विवेक तन्खा ने शायद इसे अपनी प्रतिष्ठा से जोड़ लिया है।
तीन तलाक के समय सदन में अनुपस्थित थे
राज्यसभा में तीन तलाक विधेयक पर मतदान के दौरान व्हिप जारी होने के बावजूद विपक्ष के 20 सदस्य अनुपस्थित थे, जिनमें कांग्रेस के भी चार राज्यसभा सदस्य थे। प्रदेश से विवेक तन्खा भी इनमे शामिल हैं। उनकी अनुपस्थिति के बाद सोशल मीडिया पर कई तरह की चर्चा चलीं और उन पर कई तरह के आरोप लगाए गए।
मैं छत्तीसग़़ढ हाईकोर्ट में था
इसके बाद तन्खा ने बुधवार को ट्विटर पर अपनी सफाई पेश की है। तन्खा ने कहा है कि एक महीने पहले छत्तीसग़़ढ हाईकोर्ट में पेशी निर्धारित थी और वे वहां मौजूद थे। सुबह 9.25 बजे उन्हें सूचना आई, लेकिन पूर्व निर्धारित पेशी के कारण वहां पहुंचना संभव नहीं था। तन्खा ने ट्वीट में लिखा है कि असामान्य स्थिति के कारण वे दिल्ली नहीं लौट सकते थे।