जबलपुर। मंगलवार की शाम से लेकर गुरुवार की सुबह तक कभी जोरदार तो कभी रुक-रुक कर हुई बारिश से शहर के नाले-नालियां उफना गए। सड़कें जहां-तहां तालाब बन गईं। बरसाती पानी की निकासी न होने से गली-मोहल्लों से लेकर कालोनियां पूरी तरह से जलमग्न रहीं। (Update: बरगी बांध जबलपुर के 25 में से 15 गेट खोल दिए गए हैं। वहीं भदभदा भोपाल के 2 गेट शुक्रवार की दोपहर खोल दिए गए। जिससे रायसेन की पग्नेश्वर नदी उफान पर है।)
घरों में घुसे पानी को लोग रात भर उलीचते रहे। गुरुवार को भी गंगासागर, मदनमहल, शिवनगर रामपुर चौधरी मोहल्ला सहित अधिकांश क्षेत्रों में जलभराव के हालात बने रहे। बारिश के कारण आधा दर्जन मकान धराशायी हो गए तो 3 दर्जन पेड़ भी उखड़ गए। बुधवार से लेकर गुरुवार की सुबह 4 बजे तक नगर निगम के पास जलप्लावन की 70 शिकायतें पहुंचीं। निगम के दमकल विभाग ने शिकायत मिलने पर जल निकासी की व्यवस्था कराई तब कहीं जाकर कुछ क्षेत्रों में हालात सामान्य हो पाए।
घरों में घुसा पानी तो फोड़ दिया गंगासागर
गंगासागर तालाब में लगातार पानी भरने से आस-पास के घरों में पानी भर गया। लोगों ने बुधवार की रात करीब 12ः30 बजे तालाब की मेड़ फोड़ दिया। इसके बाद निचले हिस्से के घरों में पानी घुस गया जिसे निकालने की जद्दोजहद में लोग रात भर जुटे रहे। गुरुवार की सुबह तक लोगों के घरों में पानी भरा रहा। जलप्लावन की सूचना मिलने पर गुरुवार की सुबह कलेक्टर भरत यादव, एसपी अमित सिंह और नगर निगम उपायुक्त राकेश अयाची भी पहुंचे और बारिश के पानी की निकासी की व्यवस्था कराई।
यहां भी भरा रहा पानी
बरसाती पानी की निकासी न होने के कारण शिवनगर, भानतलैया, मदनमहल, आईटीआई, स्नेहनगर में गुरुवार को भी पानी भरा रहा। नगर निगम के दमकल अमले ने जेसीबी की मदद से पानी निकासी का रास्ताव बनाया जब कहीं जाकर पानी निकला।
भरभराकर गिरे मकान, दूटी दीवारें, पेड़ धराशायी
- गलगला टोरिया में कच्चा मकान भी बारिश के चलते धराशायी हो गया।
- रामपुर चौधरी मोहल्ला में विजय चौधरी के मकान की दीवार टूट गई।
- गोरखपुर पुराने नवीन विद्यामंदिर की दीवार भी भरभराकर गिर गई।
- भानतलैया में मूर्तिकार कुंदन के घर की दीवार भी टूट गई।
-एलआईसी कालोनी मदनमहल में भी एक दीवार भरभराकर गिर गई।
- बारिश के चलते होमसाइंस कॉलेज, पीएसएम और सेठीनगर में पेड़ गिर गए।
नगर निगम में पहुंचीं 70 शिकायतें
- 70 शिकायतें जलप्लावन नगर निगम के पास पहुंची।
- 30 से ज्यादा शिकायतें बुधवार की शाम से सुबह 4 बजे तक की गईं।
- 50 फीसदी शिकायतें जलभराव की रहीं।