भोपाल। ज्योतिरादित्य सिंधिया इन दिनों अपने जीवन के सबसे हास्यास्पद दौर से गुजर रहे हैं। वो सिंधिया राजवंश के एकमात्र व्यक्ति हैं जो चुनाव हार गए। ग्वालियर में उन्होंने 3 से ज्यादा कलेक्टरों के ट्रांसफर कराए परंतु शिवपुरी में एक पटवारी का तबादला कराया तो उसने सिंधिया के खिलाफ केस ठोक दिया। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष की रेस से बाहर होने की खबरें सुर्ख हुईं तो अब उनके समर्थक मंत्री और विधायक अपने मित्र पत्रकारों से आग्रह कर रहे हैं कि कम से कम एक खबर तो लगाएं कि 'सिंधिया भी दौड़ में शामिल हैं।'
सोनिया गांधी के साथ कमलनाथ भी पॉवर में
दिल्ली से खबरें आ रहीं हैं कि राहुल गांधी के इस्तीफे के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया भी कमजोर हो गए हैं। वहां सोनिया गांधी पॉवर में आईं तो यहां कमलनाथ भी निश्चिंत हो गए। कहा जाता है कि कमलनाथ की सोनिया गांधी से अच्छी बनती है जबकि राहुल गांधी के कारण वो दवाब में रहते थे। माना जा रहा है कि कांग्रेस का नया प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ की पसंद का ही होगा।
भाजपा में जाने की अफवाह उड़ाई
खबर यह भी है कि पंजाब के कैप्टन अमरिंदर सिंह की तरह ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी गांधी परिवार को दवाब में लेने के लिए खुद के भाजपा में जाने की अफवाह उड़वाई है। इस अफवाह को एक सप्ताह से ज्यादा हो गया लेकिन ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इसका खंडन नहीं किया, अत: कयास लगाए जा रहे हैं कि वो इस अफवाह के आधार पर दिल्ली में किसी बातचीत के निमंत्रण का इंतजार कर रहे हैं।