इस माह के अंत में 29 अगस्त को चंद्रमा सिंह राशि पर पहुंच जाएगा। जबकि सिंह राशि में पूर्व से सूर्य, मंगल, शुक्र और बुध विद्यमान हैं। ग्रहों के मिलन से ढाई दिन तक पंचग्रही योग बन रहा है। इससे राजनैतिक, आर्थिक व युद्धादि जैसे हालात पैदा होने के संकेत हैं। ज्योतिषयों के अनुसार पंचग्रही का योग देश-दुनिया के लिए शुभ नहीं है। इस योग का प्रभाव आगामी महीने तक भी रहेगा।
पूरे महीने रहेगा ग्रहों को प्रकोप
ज्योतिष मठ संस्थान के ज्योतिषाचार्य पं. विनोद गौतम ने बताया कि गुरुवार को चंद्रमा ग्रह के सिंह राशि में पहुंचना मौजूदा स्थिति में शुभ संकेत नहीं है। इसके साथ ही यही पंचग्रही योग सितंबर के अंतिम सप्ताह में भी बन रहा। इस दौरान यह योग कन्या राशि पर बन रहा है। लगातार बन रहे चतुर्थग्रही व पंचग्रही योग का प्रभाव देश-दुनिया के लिए अशुभ है।
पंचग्रही योग से क्या होता है
शास्त्रों के अनुसार एक ही राशि में जब चार या पांच ग्रहों का मिलन होता है, तब देश में अराजकता व युद्धादि जैसी स्थितियां निर्मित होती हैं। साथ ही मानवीय, प्राकृतिक प्रकोप भी बढ़ जाता है। भारत की प्रभाव राशि मकर है, इसलिए भारत में सीमावर्ती क्षेत्रों में चतुर्थग्रही योग का प्रभाव व पहाड़ी क्षेत्रों में पंचग्रही योग का प्रभाव रहेगा। एक राशि में 5 ग्रहों के मिलने से आकाशीय बैलेंस भी बिगड़ता है, जिससे पृथ्वी पर भूकंप आदि प्राकृतिक प्रकोप की प्रबल संभावना बनती है।
सभी नवजात शिशु कालसर्प दोष से पीड़ित रहेंगे
उन्होंने बताया कि आगामी महीने में राहु और केतु के बीच सभी ग्रह 15 दिनों तक बंधक रहेंगे। इससे आकाश मंडल में कालसर्प दोष की छाया निर्मित होगी। साथ ही आगामी दिनों में जन्म लेने वाले नवजात शिशु की पत्रिका में कालसर्प व आंशिक कालसर्प का प्रभाव रहेगा।