नई दिल्ली। केंद्र सरकार अगले चरण के बड़े आर्थिक सुधारों के तहत भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) का आईपीओ लाने की तैयारी में है। यदि एलआईसी शेयर बाजार में लिस्ट होती है तो यह देश की सबसे बड़ी कंपनी बन जाएगी। रिलायंस इंडस्ट्रीज और टीसीएस पीछे रह जाएंगी।
देश के जीवन बीमा बाजार में एलआईसी की हिस्सेदारी तकरीबन दो तिहाई है। फिलहाल इसकी लिस्टिंग को लेकर बातचीत शुरुआती चरण में है। यदि इसका आईपीओ लाने का फैसला कर लिया जाता है तो इसके लिए सरकार को ससंद में एलआईसी कानून में संशोधन करवाना पड़ेगा। ऐसा इसलिए, क्योंकि सरकार कानून में संशोधन किए बगैर एलआईसी को आईपीओ लाने की मंजूरी नहीं दे सकती।
तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 2016 में कहा था कि यदि शेयर बाजार में एलआईसी की लिस्टिंग होती है तो वह देश की सबसे मूल्यवान कंपनी के रूप में सामने आएगी।
जोरदार रिटर्न की संभावना
एलआईसी को पॉलिसीधारकों से कमाई होती है। यह आय प्रीमियम के तौर पर होती है, जो लोग हर साल जमा करते हैं। एलआईसी यदि शेयर बाजार में लिस्ट होती है तो लोगों को इस कंपनी के शेयर खरीदने का मौका मिलेगा और आगे चलकर उन्हें लाभांश व शेयर की कीमत बढ़ने के रूप में मोटी कमाई हो सकती है।
आईपीओ लाने का मकसद
आईपीओ के जरिए सरकार एलआईसी में अपनी हिस्सेदारी घटाएगी। केंद्र ने बजट में घोषणा की थी, कि वह सरकारी कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी घटाकर 35 प्रतिशत तक रखेगी। सरकार इस वित्त वर्ष सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी घटाकर करीब एक लाख करोड़ रुपए से ज्यादा जुटाना चाहती है।
जून में रिकॉर्ड तोड़ प्रीमियम
इस साल जून में प्रीमियम एकत्र करने के मामले में एलआईसी ने रिकॉर्ड तोड़ा है। बीमा नियामक आईआरडीएआई के मुताबिक जून के दौरान देश में कार्यरत 24 जीवन बीमा कंपनियों की नई प्रीमियम आय 94 प्रतिशत बढ़कर 32,241.33 करोड़ रुपए हो गई। एलआईसी ने इसमें से सबसे ज्यादा 26,030.16 करोड़ रुपए प्रीमियम एकत्र किया।
पिछले साल जून में सभी जीवन बीमा कंपनियों ने नई पॉलिसी से 16,611.57 करोड़ रुपए का प्रीमियम जुटाया था। एलआईसी ने इसमें से 11,167.82 करोड़ रुपए जुटाया था। इन आंकड़ों के हिसाब से एलआईसी की बाजार हिस्सेदारी 74 फीसदी बैठती है। देश में एलआईसी एकमात्र सरकारी बीमा कंपनी है, जो लगातार बढ़ती प्रतिस्पर्धा के बावजूद आगे बढ़ रही है।
अभी टीसीएस सबसे बड़ी कंपनी
बाजार पूंजीकरण के हिसाब से फिलहाल टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) का बाजार पूंजीकरण सबसे ज्यादा 7.91 लाख करोड़ रुपए है। इसके बाद रिलायंस इंडस्ट्रीज का बाजार पूंजीकरण 7.70 लाख करोड़ रुपए है। शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव बढ़ने पर कभी-कभार रिलायंस इंडस्ट्रीज भी देश की सबसे बड़ी कंपनी बन जाती है।
ग्रामीण बैंकों का भी आईपीओ!
सरकार ग्रामीण बैंकों को लिस्ट कराने की तैयारी में है। मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने बताया कि कंसॉलिडेशन के बाद चालू वित्त वर्ष में सरकार 3-4 क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को लिस्ट कराएगी। सूत्रों का कहना है कि कंसॉलिडेशन के जरिए क्षेत्रीय ग्राणीण बैंकों की संख्या 45 से घटाकर 38 किया जाएगा। पिछले कुछ महीनों के दौरान पहले ही करीब 21 बैंकों को मिलाकर एक बड़ा बैंक बनाया गया है। इन बैंकों का गठन आरआरबी एक्ट, 1976 के तहत किया गया था। इसका मकसद किसानों और खेतिहर मजदूरों को छोटे-छोटे लोन मुहैया कराना था।