भोपाल। हरियाणा स्टेट हायर एजुकेशन काउंसिल के चेयरमैन एवं माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. बृजकिशोर कुठियाला की कहानी का क्लाइमेक्स शुरू हो गया है। गिरफ्तारी से बचने के लिए यहां-वहां तमाम तरह की उठा-पटक के बाद अंतत: कुठियाला सुप्रीम कोर्ट पहुंच ही गए। सुप्रीम कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी पर रोक तो लगा दी लेकिन मध्य प्रदेश के आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू) से इस संबंध में अपना पक्ष पेश करने का मौका भी दिया है।
प्रो. कुठियाला के खिलाफ ईओडब्ल्यू में धोखाधड़ी का मामला दर्ज है, जिसमें वे अग्रिम जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट की दीपक गुप्ता व अनिरुद्ध घोष की बैंच में सुनवाई के दौरान कुठियाला की तरफ से मुकुल रोहतगी व पुष्पेंद्र कौरव और ईओडब्ल्यू की ओर से राहुल कौशिक ने अपना पक्ष रखा।
दोनों पक्षों को सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने ईओडब्ल्यू से दो सप्ताह में मामले में पूरा पक्ष रखने को कहा है। साथ ही अदालत ने ईओडब्ल्यू द्वारा अपना जवाब पेश करने तक कुठियाला की गिरफ्तारी पर रोक भी लगा दी है।
गौरतलब है कि कुठियाला के खिलाफ दर्ज मामले में ईओडब्ल्यू द्वारा उनके बयान लेने के लिए कई नोटिस जारी किए जा चुके हैं। उनके हरियाणा, दिल्ली स्थिति निवास व ऑफिस भी विवेचना की टीम पहुंची, लेकिन वे नहीं मिले तो जिला विशेष न्यायालय में रिपोर्ट पेश की। इसके आधार पर अदालत ने कुठियाला को 31 अगस्त तक पेश होने और तब तक पेश नहीं होने के बाद उनकी संपत्ति को कुर्क करने के आदेश दिए।