भोपाल। सीएम कमलनाथ की सीबीआई यानी EOW के खाते में एक बड़ी बिफलता दर्ज हुई है। माखनलाल यूनिवर्सिटी घोटाला के मुख्य आरोपी बीके कुठियाला भोपाल कोर्ट में पेश हुए और अंडरग्राउंड हो गए। उन्हे दुनिया भर में तलाश रही EOW को पता तक नहीं चला। EOW के डीजी का कहना है कि हम तो 30 अगस्त को इंतजार करेंगे।
हरियाणा उच्च शिक्षा परिषद के चेयरमैन एवं माखन लाल चतुर्वेदी पत्रकारिता और संचार संस्थान (MCU)के पूर्व कुलपति ब्रज किशोर कुठियाला किसी माफिया डॉन की तरह अचानक भोपाल कोर्ट में पेश हुए। उन्होंने कोर्ट में एक आवेदन दिया। लिखित में आश्वासन दिया कि वो EOW को घोटाले के जांच में सहयोग करेंगे और फिर अंडरग्राउंड हो गए। गड़े मुर्दे उखाड़ लाने वाली EOW को सारे घटनाक्रम की भनक तक नहीं लगी।
कोर्ट में क्यों पेश हुए कुठियाला
कोर्ट ने 31 अगस्त तक कुठियाला को कोर्ट में पेश होने के निर्देश दिए थे। यदि कुठियाला पेश नहीं होते, तो उनके खिलाफ कुर्की की कार्रवाई हो सकती थी। इसी से बचने के लिए वो कोर्ट में पेश हुए और उन्होंने कुर्की नहीं करने का एक आवेदन भी दिया। उन्होंने पूछताछ में सहयोग करने की बात भी कही और फिर गायब हो गए।
EOW ने कहा: हम तो 31 अगस्त का इंतजार करेंगे
ईओडब्ल्यू के अधिकारियों को भी उनके कोर्ट में पेश होने की खबर नहीं थी। ईओडब्ल्यू डीजी केएन तिवारी ने कहा कि 31 अगस्त तक पूछताछ के लिए नहीं आने पर संपत्ति अटैच करने का आवेदन कोर्ट में दिया जाएगा। उन्होंने पूछताछ में सहयोग करने की जानकारी भेजी थी लेकिन कोर्ट में पेश होने के बावजूद कुठालिया ईओडब्ल्यू के ऑफिस नहीं आए।
यह घटनाक्रम लुकाछुपी है या साजिश
यह सारा का सारा घटनाक्रम ही संदेह की जद में आ गया है। फिलहाल स्पष्ट नहीं हो पा रहा है कि यह कोई लुकाछिपी का खेल था जिसमें कुठियाला ने ईओडब्ल्यू को चकमा दे दिया या फिर कोई साजिश है जिसके तहत आवेदन पेश करने का अवसर दिया गया। अब तक कुठियाला की गिरफ्तारी ना होेना भी संदेह का कारण उपस्थित करती है कि ईओडब्ल्यू, कुठियाला को तलाशने का उपक्रम मात्र कर रही है क्योंकि यदि सच में गिरफ्तारी करना है तो भोपाल पुलिस का हेडकांस्टेबल रामप्रकाश ही काफी है।