भोपाल। मध्य प्रदेश में अगर आप मोबाइल ऐप बेस्ड कैब कैंसल करते हैं तो इसके लिए भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है। ऐप कैब के नए नियम के मुताबिक अब से प्रति कैब कैंसलेशन चार्ज 1 हजार रुपये होगा। यह नियम मध्य प्रदेश में इसी महीने से प्रभाव में आने वाला है। प्रदेश के एक अधिकारी ने बताया कि यह पहला मौका होगा जब राज्य सरकार यात्रियों की सुरक्षा और सेवा की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए ऐप-कैब प्रोवाइडर के लिए नियम लागू करने जा रही है।
अधिकारी ने बताया कि किराये को भी रेग्युलेट किया जाएगा। अधिकारी ने बताया, 'प्रशासन को लगता है कि ऐप बेस्ड टैक्सी प्रोवाइडर सेवा को दुरुस्त करने की जरूरत है क्योंकि पिछले कुछ समय से पूरे राज्य भर में इनका संचालन तो हो रहा है लेकिन फिर भी सभी के लिए अलग-अलग किराए और नियम और शर्तें हैं।'
इसी महीने मिल सकती है नियमों को मंजूरी
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि नियमों को अंतिम रूप दे दिया गया है और इसे कानून विभाग को भेज दिया गया है। एक महीने में गजट नोटिफिकेशन की उम्मीद है। परिवहन विभाग के उप सचिव नियाज़ अहमद खान ने बताया, 'टैक्सी सेवा प्रदाताओं के लिए नियम जल्द लागू होने की उम्मीद है।' नए नियमों में सुरक्षा विशेषताएं का खास ध्यान रखा गया है। जैसे कि कैब बीच रास्ते पर रुकती है या किसी अलग लोकेशन की ओर जाती है तो कंट्रोल रूम तक अलर्ट पहुंच जाएगा।
न्यूनतम और अधिकतम किराया भी तय करेगी सरकार
नए नियम न केवल ओला और उबर कैब पर बल्कि ऐसी कंपनियों पर भी लागू होंगे जो ऑटो, किराये पर बाइक और टैक्सी सर्विस प्रदान करती हैं। कैब कंपनियों को अब कुछ मानदंडों को पूरा करने के बाद परिवहन विभाग से शुल्क का भुगतान करना होगा और लाइसेंस प्राप्त करना होगा। एक अधिकारी ने बताया, 'यात्रियों की सुरक्षा से लेकर वाहन और किराये तक की स्थिति के हर पहलू को रेग्युलेट किया जाएगा।' उन्होंने कहा, 'राज्य सरकार न्यूनतम और अधिकतम किराए तय करेगा ताकि यात्रियों को असुविधा न हो।'