नीमच। पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के नेता बाबूलाल गौर (Babulal Gaur) के निधन की सूचना (Death notice) सोशल मीडिया (social media) पर आने के बाद नीमच नगर पालिका (Neemuch Municipality) ने बुधवार को आयोजित अपना सम्मेलन स्थागित कर दिया। और नपा ने निधन सूचना की पुष्टी भी नही की और बगैर पुष्टि के नीमच में नगर पालिका ने अपने सम्मलेन के दौरान उन्हें श्रद्धांजलि दे दी और सम्मलेन को स्थगित कर दिया लेकिन जब कुछ पार्षदों ने बाबूलाल गौर के निधन की खबर की पुष्टि किये जाने को लेकर पूछा तो खुलासा हुआ की ऐसी कोई खबर नहीं आई है दरअसल, मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर की हालत लगातार नाजुक बनी हुई है।
भोपाल के निजी अस्पताल में उनका इलाज जारी है। बाबूलाल गौर को वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया है और डॉक्टरों के मुताबिक उनके स्वास्थ्य में सुधार दर्ज नहीं किया गया है। बुधवार को सुबह अस्पताल द्वारा बुलेटिन जारी कर उनकी हालत गंभीर होने की जानकारी दी गई है। इसके बाद से ही उनके स्वास्थ्य की जानकारी लेने के लिए अस्पताल में भाजपा नेताओं और उनके समर्थकों का तांता लगा हुआ है| फिलहाल, उनसे मिलने की इजाजत किसी को नहीं दी जा रही है। इस बीच सोशल मीडिया पर उनके निधन की फर्जी खबर वायरल हो गई। जिसके बाद कई लोग इस फर्जी पोस्ट की चपेट में आ गए।
सोशल मीडिया पर कई बड़े नेता भी उन्हें श्रद्धांजलि दे चुके हैं| अफवाहों पर भरोसा कर नीमच भाजपा नपाध्यक्ष राकेश पप्पू जैन भी ट्रोल हो गए, उन्होंने परिषद की बैठक में पहुंचते ही दु:खद संदेश दिया कि पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर नहीं रहे। दो मिनट का मौन रखकर पूर्व सीएम को श्रद्धांजलि देंगे। इसके बाद 16 अगस्त को सुबह 11.30 बजे तक के लिए बैठक स्थगित की जाएगी। श्रद्धांजलि देने के बाद विधायक प्रतिनिधि मनोहर मोटवानी सभाकक्ष में पहुंचे। उन्होंने कहा कि कुछ गलत हुआ है। पूर्व सीएम गौर जीवित हैं। इसके बाद परिषद कक्ष का माहौल गरमा गया। वहां मौजूद मीडियाकर्मी ने भोपाल फोन लगाकर पुष्टि की। इसके बाद नपाध्यक्ष और सीएमओ से जवाब देते नहीं बना।।
हालांकि तब तक नगरपालिका की बैठक का वीडियो वायरल हो गया है, जिसके बाद से ही हड़कंप मचा हुआ है। ऐसे में विपक्षी कांग्रेसी पार्षदों ने नगर पालिका के अध्यक्ष पर सवाल खड़े करते हुवे उन्हें जमकर घेरा जिसे लेकर नगर पालिका अध्यक्ष परिषद् हाल में रुके ही नहीं ओर वे चलते बने ,पर सबसे बड़ा साल ये खड़ा होता है की नगर के प्रथम नागरिक ओर एक जिम्मेदार पद पर आसीन व्यक्ति ऐसे कैसे बिना आधिकारिक पुष्टि के अपनी ही पार्टी के दिग्गज नेता को श्रद्धांजलि दे सकते है ओर अब नगर पालिका के जिम्मेदार इस मामले में अपने आपको घिरता देख मामले को डाइवर्ट करने में लगे है