होशंगाबाद। पचमढ़ी में काजरी नदी में अचानक आई बाढ़ में सैकड़ों श्रद्धालु फंस गए। ये सभी लोग यहां नागपंचमी पर लगने वाले नागद्वारी मेले में जा रहे थे। वह काजरी नदी पार कर रहे थे कि तभी अचानक बाढ़ आ गई, जिससे श्रद्धालु वहां फंस गए। प्रशासन ने जिप्सी और रस्सियों के सहारे रेस्क्यू किया।
बता दें कि काजरी एक पहाड़ी नाला है, जो तेज बारिश होने पर नदी में बदल जाता है। श्रद्धालु हर साल इस नाले को पार करके नागद्वारी मेले में आते हैं। बरसाती नदी होने के कारण सरकार ने यहां पुल भी नहीं बनवाया है। पचमढ़ी लोक निर्माण विभाग ने भक्तों के लिए रस्सी बांध दी थी जिसे पकड़कर श्रद्धालु नदी पार कर रहे थे। इसी बीच अचानक नदी में बाढ़ आ गई।
जानकारी मिलते ही स्थानीय प्रशासन और पुलिस की टीम मौके पर पहुंची। जिप्सी और रस्सियों के सहारे नदी में फंसे लोगों को निकालना शुरू किया। नदी में पानी धीरे-धीरे बढ़ रहा था। कई लोग कमर तक पानी में डूबे हुए थे। ये सब होने के बाद भी शाम तक नागद्वारी मेले के कई प्वाइंट पर पुलिस बल नहीं पहुंच पाया था। कई जगह वायरलेस सेट भी नहीं लग पाए थे।
पचमढ़ी में लगता है नागद्वारी मेला
नागपंचमी के मौके पर सतपुड़ा की रानी पचमढ़ी हिल स्टेशन पर नागद्वारी का मेला लगता है। सतपुड़ा की पहाड़ियों पर बसे पचमढ़ी का नागद्वार स्वामी का ये मंदिर बड़े दुर्गम स्थान पर है। यहां तक पहुंचना आसान नहीं है। तकरीबन 15 किमी का पहाड़ी सफऱ तय करके लोग मंदिर तक पहुंचते हैं और बारिश के चलते हालात और भी मुश्किल हो जाते हैं। यह मध्य प्रदेश की सबसे दुर्गम तीर्थयात्रा है।