भोपाल। प्रदेश में 15 साल बाद सत्ता में वापसी होने के बाद कांग्रेस ने जिला इकाइयों से उनके अपने भवन जर्जर होने या भवन न होने की स्थिति में जमीन आवंटन की जानकारी मांगी थी, लेकिन अब तक कांग्रेस के 63 संगठनात्मक जिलों में से किसी ने भी जवाब नहीं भेजा है। यानी कोई जिलाध्यक्ष नहीं चाहता कि उसके यहां कांग्रेस का कार्यालय हो। बता दें कि ज्यादातर कांग्रेस नेता अपने निवास से ही राजनीति करते हैं।
सिर्फ छतरपुर से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (एनएसयूआई) की जिला इकाई ने भूमि आवंटन के लिए पत्र लिखा है। प्रदेश की तत्कालीन दिग्विजय सिंह सरकार के कार्यकाल में सभी राजनीतिक दलों से भवन के लिए आवेदन बुलवाए थे और उस दौरान कांग्रेस के साथ ही अन्य राजनीतिक पार्टियों को भी जमीन दी गई थी।
फिलहाल कांग्रेस के भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, छिंदवाड़ा, खंडवा और सीहोर समेत कुछ बड़े शहरों में ही भवन हैं। प्रदेश कांग्रेस संगठन महामंत्री चंद्रप्रभाष शेखर ने बताया कि जरुरत के अनुसार राज्य सरकार से जमीन आवंटन के लिए अनुरोध किया जाएगा।