भोपाल। किसानों को कर्जमाफी का सपना दिखा कर सत्ता हासिल करने वाले मुख्यमंत्री कमलनाथ अब किसानों के नाम चिट्ठी लिखकर किसानों को भ्रमित कर रहे है। किसानों को कर्जमाफी के नए नए प्रस्ताव और गोलमोल जवाब दे कर प्रदेश सरकार समय काटने की कोशिश कर रही है। यह बात मध्यप्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष श्री गोपाल भार्गव ने कर्जमाफी को लेकर किसानों को भ्रमित करने के लिए मुख्यमंत्री कमलनाथ द्वारा किसानों को लिखी गयी चिट्ठी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कही। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को किसानों को चिट्ठी लिखने के बजाय 8 माह से लगातार झुठ बोलने के लिए माफ़ीनामा लिखना चाहिए।
भाजपा सरकार के काम पर अपना टैग लगा रही कमलनाथ सरकार
श्री गोपाल भार्गव ने कहा कि प्रदेश सरकार किसानों के कालातीत (NPA) ऋण माफ़ी की बात कर रही है। जबकि हकीकत यह है कि भाजपा सरकार के समय ही किसानों का कालातीत (एनपीए) ऋण को लेकर राहत दे दी गयी थी। अब जो कर्ज पहले की कालातीत ऋण में आ गया है। जिसे किसानों को चुकाना नही है। उस ऋण के सर्टिफिकेट बांट कर कमलनाथ सरकार सिर्फ भाजपा सरकार के काम पर अपना टैग लगा रही है। उन्होंने कहा कि कालातीत (एनपीए) ऋण को माफ़ी करने से सरकार को कोई वित्तिय बोझ नही आएगा। क्योंकि उसे सोसाइटियों को कोई राशि जमा नही करनी पड़ेगी। अगर सरकार ईमानदारी से किसानों का कर्ज माफ करना चाहती है तो उनके चालू खातो की कर्जमाफी करें। उन्होंने कहा कि अब प्रदेश सरकार किसानों के एनपीए खातों की कर्जमाफी का झूठा शिगूफ़ा छोड़ रही है।
प्रदेश सरकार ने राहुल गांधी को भी झुठला दिया
श्री गोपाल भार्गव कहा कि कदम कदम पर झुठ बोलने वाली कांग्रेस के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने चुनाव के दौरान कहा था हमारी सरकार बनने दीजिये 10 दिनों में हमारे मुख्यमंत्री किसानो का कर्ज माफ करेंगे और यदि ऐसा नही हुआ तो उन्हें तुरंत हटा दिया जाएगा। 8 माह पूरे होने को है लेकिन सभी किसानों का कर्ज माफ़ करने के बजाय मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राहुल गांधी को भी झुठला दिया। अब कर्जमाफी के अलग अलग प्रस्ताव और नीले,पीले और गुलाबी फार्मो में किसानों को उलझा दिया गया है। यह प्रदेश सरकार जैसे तैसे बस समय काटने का काम कर रही है।